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राज्यसभा में सुषमा ने विपक्ष के हर सवाल का दिया माकूल जवाब, चुटीले अंदाज में लपेटा
BY Suryakant Pathak4 Aug 2017 12:31 AM GMT

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Suryakant Pathak4 Aug 2017 12:31 AM GMT
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लगभग हर सवाल का माकूल जवाब दिया. उन्होंने काफी चुटीले अंदाज में कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवालों को उनके द्वारा किए गए कामों से ही धराशायी कर दिया. कांग्रेस ने भाजपा सरकार की हर नीतियों पर उसे घेरने की कोशिश की, लेकिन स्वराज के तर्कों के सामने उनके तर्क टिक नहीं पाए.
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की तरफ से राज्यसभा में केंद्र सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जोरदार हमला बोला. उन्होंने सपा के रामगोपाल यादव के सवालों पर भी चुटकी ली. ये रहीं सदन में उनके वक्तव्य की मुख्य बातें-
जो परेशानियां आपने बताईं, उनके जन्मदाता आप हैं
"चीन ने पाकिस्तान और श्रीलंका में पोर्ट कब बनाए? 2008 में तब किसकी सरकार थी? कोलंबो में 2011 में शुरू हुआ 2014 में पूरा हुआ? अगर आप इतने परेशान हैं तो देश के सामने 2008 का जिक्र क्यों नहीं. जो चिंताए आप बता रहे हैं तो उसके जन्मदाता आप हैं. आज हम पर आरोप ना लगाएं. हमने तो इसे सिक्योर किए. श्रीलंका ने चीन से कहा है कि कंट्रोल श्रीलंका का रहेगा."
मनमोहन जी बताएं, कितनी बार विदेश मंत्री को साथ ले गए?
उन्होंने कहा कि विपक्ष बताए कि किस प्रोटोकॉल में है कि पीएम और विदेश मंत्री साथ जाएं? सुषमा ने सीधे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से पूछ डाला कि मनमोहन जी आप बताएं, अपने कार्यकाल के समय कितनी बार विदेश मंत्री को साथ लेकर गए.
राजीव जी की सरकार के वक्त क्या हुआ?
उन्होंने कहा "जहां तक पड़ोसी देशों का संबंध है. हम किसे मित्र कहते हैं? जो संकट में मदद करें. मालदीव का पानी संकट आया. मैंने तीन घंटे में रेल नीर भेजा. श्रीलंका में मदद की. नेपाल में भी किया. डोनर कॉन्फ्रेंस में भारत ने 1 बिलियन डॉलर दिए. 17 साल तक भारत का कोई पीएम नेपाल नहीं किया. 11 साल तक कांग्रेस की सरकार थी. राजीव जी की सरकार के वक्त क्या हुआ? जो पीएम ना जाए तब अच्छा और जो दो पीएम दो-दो बार जाए वो संबंध खराब."
कांग्रेस अपने समय शुरू हुए काम का दोष हम पर क्यों डाल रही है?
सुषमा ने कहा कि कांग्रेस ने हंबनटोटा और ग्वादर में सवाल क्यों नहीं उठाया. हंबनटोटा में साल 2008 और ग्वादर में साल 2013 में काम शुरू हुआ था. उस वक्त यूपीए की सरकार थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय शुरू हुए काम का दोष हमारे ऊपर क्यों डाला जा रहा है.
युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है
स्वराज ने कहा "रामगोपाल जी से कहना चाहूंगी कि युद्ध किसी समस्या का हल नहीं है. सेना तो युद्ध के लिए ही होती है. इसके बाद भी तो बात करनी पड़ती है. डिप्लोमैटिक चैनल्स खुले हैं. आज आर्थिक ताकत जरूरी है. मैं शरद जी की बात से सहमत हूं. पड़ोसियों को साथ रखना जरूरी है. मोदी कहते हैं कि सबका साथ, सबका विकास का मतलब पड़ोसियों के विकास से भी है. हमारी जो आर्थिक क्षमता है, वही हमें आगे लेकर जाएगी."
हम रमुआ नहीं हैं, संसदीय मर्यादा का ध्यान रखें
"इतने देश साथ देते हैं, फिर भी आप कहते हैं कि हम अकेले खड़े हैं. जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और रूस हमारे साथ हैं. हम रमुआ नहीं हैं. जैसा शरद यादव जी ने कहा था. पेरिस एग्रीमेंट पर ट्रम्प के बयान पर मोदी ने कहा था कि हम पांच हजार साल पुराने देश हैं. संसदीय मर्यादा का पालन करें. ट्रम्प जो बोले वो तो याद रखते हैं, लेकिन मोदी जो बोलते हैं, वो याद नहीं रखते."
चीन की चिंता कांग्रेस ने अपने समय में क्यों नहीं की
सुषमा ने कहा कि चीन की घेरेबंदी की शुरुआत कांग्रेस के सरकार के समय से ही शुरू हो गई थी तो फिर उन्होंने अपनी सरकार के दौरान चीन की चिंता क्यों नहीं की. कांग्रेस की विदेश नीतियां नाकाम रही हैं.
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