लखनऊ विश्वविद्यालय: पुलिस ने लाठीचार्ज कर बंधक कुलपति को छुड़ाया
BY Suryakant Pathak2 Aug 2017 2:34 AM GMT

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Suryakant Pathak2 Aug 2017 2:34 AM GMT
लखनऊ विश्वविद्यालय में हॉस्टल को लेकर फिर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। विवि ने हॉस्टल आवंटन के लिए स्टूडेंट्स को बुला लिया लेकिन सूची ऑनलाइन नहीं की। बहुत से छात्रों को इससे वापस लौटना पड़ा।
बदइंतजामी और आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल आवंटित न करने के मुद्दे पर छात्र कुलपति कार्यालय पहुंच गए और कुलपति प्रो. एसपी सिंह का घेराव शुरू कर दिया।
कुलपति अपने कार्यालय में बंधक बन गए। शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक कुलपति अपने कार्यालय में ही कैद रहे। कुलपति ने घेराव कर रहे स्टूडेंट्स को वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन स्टूडेंट वार्ता के लिए तैयार नहीं हुए।
रात सवा बारह बजे पुलिस ने लाठीचार्ज किया और नौ स्टूडेंट्स को उठा ले गई। इसके बाद ही कुलपति बाहर आ सके। इस मामले में सौ छात्रों पर केस दर्ज कराया गया है।
एलयू प्रशासन ने पहले हॉस्टल की फीस में अनाप-शनाप बढ़ोतरी कर दी थी। आंदोलन के बाद बढ़ी फीस वापस ली गई। पर व्यवस्था की खामियों ने स्टूडेंट्स की परेशानी बढ़ा दी।
विवि ने 1 अगस्त को जेके हॉल सभागार में छात्रों तो तिलक हॉल में छात्राओं को हॉस्टल आवंटन के लिए बुलाया गया था। इसके बावजूद चयनित अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर नहीं डाली गई। तिलक हॉल में बदइंतजामी का आलम यह था कि सुबह नौ बजे से बुलाने के बावजूद दो बजे तक काउंसलिंग शुरू नहीं हुई।
ऐसें दूर-दराज से आए हुए स्टूडेंट तथा अभिभावकों को परेशान होना पड़ा। जेके हॉल में तो स्टूडेंट्स से कह दिया गया कि उनका आवंटन बाद में होगा। इससे नाराज होकर छात्रनेताओं ने वीसी कार्यालय पर धरना देना शुरू कर दिया।
स्टूडेंट्स ने हॉस्टल आवंटन की समस्याओं को लेकर चीफ प्रोवोस्ट प्रो. संगीता रानी से भी मुलाकात की, लेकिन वहां से कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद शाम से स्टूडेंट्स ने वीसी कार्यालय का घेराव किया। घेराव की वजह से कुलपति प्रो.एसपी सिंह, प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह और काफी शिक्षक कुलपति कार्यालय में बंधक बने रहे।
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