डकैत बबुली कोल के चंगुल से छूटा सपा नेता का बेटा
BY Suryakant Pathak1 Aug 2017 2:19 PM GMT

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Suryakant Pathak1 Aug 2017 2:19 PM GMT
खूंखार डकैत और पांच लाख का इनामी दस्यु बबुली कोल की पकड़ से दोनों अपह्रत मुक्त हो गए हैं। देर रात दोनों अपह्रत अपने-अपने परिजनों के पास सकुशल पहुंच गए। गौरतलब है कि दस्यु बबुली कोल ने रविवार को जनपद के मारकुंडी थाना क्षेत्र के टिकरिया स्टेशन के पास से सपा नेता संतु सिंह के बेटे विजय व रेलवे कर्मचारी गेट मैन बलवंत का अपहरण कर लिया था।
मांगी थी 50 लाख की फिरौती
अपहरण के बाद गैंग ने 50 लाख की फिरौती की मांग की थी। उधर, इस वारदात के बाद किरकिरी झेल रही पुलिस ने मारकुंडी परिक्षेत्र के जंगलों में घेरेबंदी करते हुए गैंग की तलाश में कॉम्बिग कर रही थी। सोमवार देर रात पुलिस ने गैंग की लोकेशन मारकुंडी थाना क्षेत्र के डोडा जंगल में ट्रेस की थी और गैंग को घेरने का प्रयास किया था। इन सबके बीच देर रात दोनों अपह्रत विजय व बलवंत दस्यु गिरोह के चंगुल से मुक्त हो गए। अब ये मुक्ति फिरौती देने के बाद हुई या पुलिसिया दबाव में ये तो बाद की बात है फिलहाल अभी खाकी इसे अपना दबाव बता रही है। वहीं क्षेत्रीय चर्चाओं के तहत फिरौती की कुछ न कुछ रकम दी गई है। जिससे दोनों अपह्रत मुक्त हुए हैं।
पुलिस को झेलनी पड़ी फजीहत
रविवार को दस्यु बबुली कोल ने जिन दो लोगों का अपहरण किया था, वे दोनों अपह्रत सकुशल मुक्त होकर अपने परिजनों के पास पहुंच गए। सोमवार देर रात दोनों अपह्रत गिरोह की पकड़ से छूटे। गैंग की लोकेशन डोडा जंगल में मिलने पर पुलिस ने गिरोह को घेरने का अभियान चलाया था। इन सबके बीच दोनों अपह्रत मुक्त कर दिए गए। पुलिस इसे अपना दबाव बता रही है। डकैतों के चंगुल से मुक्त सपा नेता के पुत्र विजय व रेल कर्मचारी बलवंत बेहद दहशतजदा हैं।
ऐसे हुआ था अपहरण
घटना रविवार रात के लगभग बारह से एक बजे के बीच की रही होगी। दोनों ऊंचाडीह से निमंत्रण से लौट रहे थे। तभी ऊंचाडीह रेलवे क्रॉसिंग के पास बबुली कोल गिरोह ने दोनों को बंधक बना लिया और अपने साथ ले गए।
समाजवादी पार्टी (सपा) नेता निर्भय सिंह उर्फ संतू अपने पूरे परिवार के साथ सतना से वापस मानिकपुर आ रहे थे रास्ते में पड़ने वाला टिकरिया रेलवे फाटक से बबुली गैंग ने विजय सिंह का अपहरण कर उसे अपने साथ ले गया। पूरा परिवार रात करीब साढे बारह बजे सतना से तेरहवीं से वापस लौट रहा था।
पुलिस अधीक्षक प्रताप गोपेंद्र सिंह सूचना मिलते ही रात को मौके पर पहुंचे। उन्होंने फौरन एंटी डकैती टीम के साथ तीन अन्य टीमों को सर्च ऑपरेशन में लगाया।
डोडा जंगल में हुई थी घेराबंदी
अपहृत सपा नेता और रेलवे गेटमैन को सकुशल छुुड़ाने के लिए पुलिस बल सर्विलांस के जरिये डाकू बबुली कोल गैंग के ठिकाने के पास तक पहुंचने का पुलिस ने दावा किया था लेकिन घनघोर जंगल होने के कारण दोनों को छुड़ पाने में आ रही दिक्कतों की बात भी कही। पुलिस ने ये दावा किया था कि गैंग डोडा के पास मौजूद है। उसकी घेराबंदी की जा रही है।
घेराबंदी के बावजूद 48 घंटे तक कैद में रहे दोनों
पुलिस भले ही ये दावा कर रही है कि उनके दबाव के कारण दोनों रिहा हो पाए है लेकिन सच तो ये है कि रविवार शाम से लेकर सोमवार तक पुलिस अलग-अलग टीमें बनाकर मानिकपुर के जंगलों में खाक छानती रही। मध्यप्रदेश सतना की आरपीएफ टीम भी जंगल में रेलकर्मी को सकुशल छुड़ाने के लिए मौजूद रही। लेकिन डाकू बबुली कोल का कुछ पता नहीं चल पाया।
सर्विलांस के जरिये अपहृतों तक पहुंचने की कोशिश
अपहृतों के घर दो बार फोन करने के बाद पुलिस ने सर्विलांस के जरिये डकैतों के ठिकाने तक पहुंचने का प्रयास किया। पुलिस अधीक्षक के अनुसार गैंग की लोकेशन डोडा जंगल में मिलने पर उसकी घेराबंदी की जा रही है। दोनोें अपहृत डाकुओं की गिरफ्त में हैं, इस कारण पुलिस एहतियात बरत रही है। समाचार लिखे जाने तक कोई सफलता नहीं मिली थी।
रात को ही होने लगी थी अपहृतों के छूटने की चर्चा
सोमवार रात को ही अपहर्तों के छूटने की चर्चा थी लेकिन पुलिस और एसटीएफ की टीमों ने इस खबर की पुष्टी नहीं की थी। न ही गांव के लोगों ने इस बारे में कुछ बताना सही समझा। जबकि अपहृत सपा नेता के बेटे विजय सिंह और गेटमैन बलवंत बहादुर डाकू बबुली कोल गैंग के चंगुल रात को ही छूट कर सकुशल अपने घर लौट आए थे।
फिरोती को लेकर पीड़ित परिजन इस संबंध में कुछ भी बोलने और बताने से इनकार कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सोमवार की देर शाम पुलिस की तगड़ी घेराबंदी के बाद डाकुओं ने दोनों अपहृतों को छोड़ दिया है। दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि फिरौती की रकम पहुंचने के बाद उन्हें छोड़ा गया है। पुलिस और परिजनों की ओर से पुष्टि न होने से यह महज चर्चा ही बनी है।
सेवरे पुलिस ने की दोनों के रिहा होने की पुष्टि
यूपी पुलिस ने इस घटना से एक बात तो साबित कर ही दी कि रात तक उनके पास दोनों के छूटने की सूचना तक नहीं थी। इतना सब कुछ होने के बाद भी मंगलवार को पुलिस दोनों के छूटने के लिए अपनी तारीफ चाह रही है।
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