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श्रावण मास में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करे इन मंत्रों द्वारा : प्रेम शंकर मिश्र

श्रावण मास में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करे इन मंत्रों  द्वारा : प्रेम शंकर मिश्र
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पूजा में मंत्रों के उच्चारण का विशेष महत्व है। खासकर शिव पूजा में ऐसा माना जाता है कि अगर पूजा ना भी कर सकें, तो केवल शिव मंत्रों का जाप कर भी इसका पूरा फल मिलता है। श्रावण मास में भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने में भी मंत्रों का विशेष महत्व है।

यहां हम आपको कुछ शिव मंत्रों के बारे में बता रहे हैं, अगर आप पूरे सावन माह में शिव अराधना करते हैं, श्रावण सोमवार का व्रत करते हैं तो इन मंत्रों के साथ पूजा करें। पूजा और व्रत ना भी करें, तो भी इनका जाप करना आपको भगवान शिव का कृपा पात्र बनाएगा।

शिवजी को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाप्ति के लिए सोमवार की पूजा के दौरान आगे दिए इन नामवली मंत्रों का उच्चारण करें तथा उसके उपरांत या दिन में किसी भी समय 108 बार इनका जाप अवश्य करें। अगर पूरे माह नियमित रूप से सुबह और शाम इनका 108 बार जाप करें तो और भी अच्छा है।

पूजा के पश्चात् भगवान शिव के इन नामावली मंत्रों के साथ उनका ध्यान करना शिवजी को प्रसन्न करता है: ।। श्री शिवाय नम: ।। ।। श्री शंकराय नम: ।। ।। श्री महेशवराय नम: ।। ।। श्री सांबसदाशिवाय नम: ।। ।। श्री रुद्राय नम: ।। ।। ऊँ पार्वतीपतये नमः ।। ।। ऊँ नमो नीलकण्ठाय ।।

भगवान शिव को प्रसन्न करने का स्बसे सरल उपाय है पंचाक्षरी मंत्र "ॐ नम: शिवाय" का जाप। इसके अलावा "ॐ" को सृष्टि का सार माना जाता है। श्रावण में केवल इसके जाप मात्र से भी शिवजी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शिव गायत्री मंत्र का जाप सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है। शिव गायत्री मंत्र - ।। ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात ।।

पूजा से पूर्व इस मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शिव का ध्यान करें: "नमः शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शन्कराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।। ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिर्ब्रम्हणोधपतिर्ब्रम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।"
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