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केंद्र सरकार जिन मुद्दों पर सत्तारूढ़ हुई थी क्या उनको भूल गई ? : प्रीति चौबे
BY Suryakant Pathak29 July 2017 3:16 PM GMT

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Suryakant Pathak29 July 2017 3:16 PM GMT
केंद्र की भाजपा शाषित सरकार को 3 साल से ज्यादा का वक़्त हो गया हैं लेकिन जिन मुद्दों के साथ सत्तारूढ़ हुए थे उनमे से कुछ भी पूरा होता दिखाई नही दे रहा हैं। चाहे हम पाकिस्तान की बात करे,आतंकवाद की बात करे,धारा-370 की बात करे,चाहे विदेशो से कालाधन लाने का मामला हो,राम मन्दिर,महंगाई,लोकपाल बिल आदि अनेको मुद्दों पर सरकार असफल ही नही बुरी तरह असफल हुई हैं।
बार बार मुद्दों को बदलना और जनता को भर्मित करना सरकार और इसके नेताओ की आदत में शुमार हो गया हैं। जिस भी मुद्दे पर सरकार घिरती नजर आती हैं तुरंत कोई अन्य विवाद सुनियोजित तरीके से खड़ा कर दिया जाता हैं। और मीडिया मैनेजमेंट के द्वारा उसे हवा दी जाती हैं,5 साल में 100 स्मार्ट सिटी बनाने की बात हुई थी देर सबेर भारी विवाद के बावजूद उसमे नगरों का चयन भी किया गया लेकिन इतना समय बीत जाने के बावजूद भी धरातल पर क्या स्तिथि हैं किसी से छुपी नही हैं। निर्मल गंगा और स्वच्छ्ता अभियान के नाम पर बेतहाशा पैसा बहाया गया लेकिन नतीजा सिफर ही हैं अभी करीब हफ्ते भर पहले ही एनजीटी की रिपोर्ट के अनुसार ही 6000 करोड़ से ज्यादा खर्च करने के बावजूद गंगा नदी तनिक भी साफ़ नही हुई हैं।
चुनावी राजनीती के इस शोर में अनगिनत मुद्दों और जुमलों को उठाया गया और चुनाव बीत जाने के बाद उनपर कोई बात करने को भी तैयार नही हैं अभी कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान यूनिफार्म सिविल कोड का मुद्दा इस तरह उठाया गया था मानो देश में इसके अलावा कोई समस्या ही नही हैं।
अब कहा गया यूनिफार्म सिविल कोड????
कोई अब इसपर बात नही करेगा क्योकि वो तो सिर्फ चुनावी तुष्टीकरण मात्र था।
अभी US स्टेट रिपोर्ट आई और उसमे बताया गया की ईराक और अफगानिस्तान के बाद भारत पर सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले हो रहे हैं इस मामले में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नवाज शरीफ को भी पीछे छोड़ दिया। लेकिन इस रिपोर्ट को मीडिया ने इस तरह दबाया जैसे ये कोई मुद्दा ही नही हैं। आप कल्पना कर सकते हैं अगर ये ही रिपोर्ट किसी और सरकार के समय आई होती तो मीडिया का व्यवहार क्या ये ही होता!!
उससे पहले एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था की रिपोर्ट आई थी की भारत एशिया में सबसे ज्यादा भ्र्ष्टाचार वाला देश बन गया हैं अभी ज्यादा दिन नही हुए हैं लेकिन इसपर कही कोई बात नही हुई और भाषणों के और मीडिया के माध्यम से इस तरह का माहोल देश में बनाया गया हैं की देश से भ्र्ष्टाचार मानो पूरी तरह खत्म कर दिया गया हो।
आज देश की सीमाये असुरक्षित हैं,हमारे जवानो सरहद पर शहीद हो रहे हैं लेकिन देश में एक पूर्णकालिक रक्षामंत्री तक नही हैं।
आदरणीय नरेन्द्र मोदी बीजेपी के स्टार प्रचारक मात्र बन कर रह गए हैं जिनका काम सिर्फ साम,दंड,भेद से सिर्फ सत्ता हथियाना रह गया हैं...देश की महत्वपूर्ण समस्याओ को छोड़कर वो सिर्फ हमेशा इसी ताक में लगे रहते हैं की विरोधी पार्टियो को कैसे कमजोर किया जाए और उसके लिए उन्होंने संवैधानिक संस्थाओ तक का संघिकरण कर दिया हैं। उन्हें सीमा पर शहीद होते जवान की फ़िक्र ना होकर सिर्फ ये चिंता हैं की अमुक राज्य में किस पार्टी के विधायक या सांसद तोड़े जाए।
मेक इन इंडिया के नाम पर तमाम देशो का दौरा करने और उद्योगपतियों से कटोरा लेकर भीख मांगने के बावजूद देश में कितना निवेश आया किसी को नही मालूम!!
जिन बातो का तर्क देकर नोटबंदी की गयी थी क्या वो पूरी हुई??
आतंकवाद,फेक करेंसी,नक्सलवाद,पत्थरबाजी में नोटबंदी के बाद किसी भी तरह की कोई कमी आई क्या???
और तो और रिजर्व बैंक के गवर्नर ये तक बताने में असमर्थ हैं की नोटबंदी के दौरान कितना पैसा बैंको में जमा हुआ।
हा इतना जरूर हैं की एनपीए और टैक्स माफ़ी के नाप पर बड़े उद्योगपतियों को बेतहाशा फायदा जरूर पहुचाया गया।
तथ्यों पर गौर जरूर कीजियेगा इनकी सरकार आने के बाद इन्होंने अडानी,मित्तल और अम्बानी जैसे उद्योगपतियों का व्यवहार नेपाल से लेकर पाकिस्तान तक पहुँचा दिया हैं।
आज देश के हालात ये हो गए हैं की छात्र,नौजवान ,महिला,मजदूर ,किसान,अल्पसंख्यक,दलित,छोटा व्यापारी या समाज का कोई भी वर्ग ऐसा नही हैं जो इनसे परेशान ना हो।
आखिर क्या कारण हैं की अमरनाथ यात्रा पर हमला इनकी ही सरकारो में होता हैं??
कंधार विमान अपहरण काण्ड से लेकर संसद पर हमले तक सब कुछ इन्ही की ही तो सरकारो में हुआ हैं फिर भी ये भाषणों में बड़ी ही बेशर्मी के साथ सुरक्षित भारत की बात करते हैं।
इन सब बातो को जवाब भाजपा और नरेन्द्र मोदी जी को देना ही होगा!!
झूठ का पुलिन्दा ज्यादा दिन तक नही चलता हैं धीरे धीरे जनता के सामने BJP की असलियत आ रही है। अभी भी वक़्त हैं जनता ने देशहित के लिए मोदी जी को सत्ता दी हैं इस समय को अपनी चुनावी राजनीती और सत्ता प्राप्ति तक सिमित ना रखकर जनता के हितो में काम करो।
क्योकि ये वक़्त आपको दोबारा नही मिलने वाला है।
(प्रीति चौबे)
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