राखी का त्योहार, भद्रा एवं ग्रहण:- (प्रेम शंकर मिश्र)
BY Suryakant Pathak28 July 2017 4:09 PM GMT

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Suryakant Pathak28 July 2017 4:09 PM GMT
इस वर्ष रक्षा बंधन 7 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा। भारत में यह त्यौहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को समर्पित है और इस त्यौहार का प्रचलन सदियों पुराना बताया गया है।। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बाँधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हुए अपना स्नेहाभाव दर्शाते हैं।।
पिछले साल रक्षाबंधन के पर्व को भद्रा की नजर नहीं लगी थी क्योंकि भद्रा सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई थी लेकिन इस बार रक्षा बंधन के इस पावन पर्व को भद्रा की नजर लगी हुई है।। जिस कारण 10 बजकर 32 मिनट के बाद ही कलाई पर राखी बांधने की रस्म शुरु होगी।।
भद्रा को चूंकि शुभ कार्य के लिये अशुभ माना जाता है इसलिये भद्रा के समाप्त होने के पश्चात ही राखी बांधने की परंपरा को शुरु करना शुभ फलदायी रहेगा।।
क्या है भद्रा:-
शास्त्रों की मान्यता के अनुसार भद्रा का संबंध सूर्य और शनि से होता है। हिन्दू धर्म शास्त्रों में भद्रा भगवान सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी क्रूर बताया गया है। इस उग्र स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए ही भगवान ब्रह्मा ने उसे कालगणना या पंचाग के एक प्रमुख अंग करण में स्थान दिया। जहां उसका नाम विष्टी करण रखा गया। भद्रा की स्थिति में कुछ शुभ कार्यों, यात्रा और उत्पादन आदि कार्यों को निषेध माना गया। इसलिये इस बार भद्रा का साया समाप्त होने पर ही रक्षाबंधन अनुष्ठान किया जा सकेगा।।
इसलिये भी खास है इस बार राखी:-
रक्षाबंधन का यह पवित्र त्यौहार इस बार सोमवार को होगा जो कि इसके खास होने कि एक वजह है।।
आप सोचते होगे कि सोमवार में ऐसा क्या खास है। दरअसल यह साधारण सोमवार नहीं बल्कि सावन माह का पावन और अंतिम सोमवार है। सावन सोमवार होने के कारण यह दिन बहुत सौभाग्यशाली है और भोलेनाथ की कृपा भी इस दिन बनी रहती है। हालांकि रक्षाबंधन के संबंध में यह मान्यता जुड़ी हुई है कि देवताओं के गुरु बृहस्पति ने ही देवराज इंद्र को असुरों पर विजय पाने के लिये रक्षा बंधन का सुझाव दिया था जिसके बाद इस त्यौहार को मनाने का चलन शुरु हुआ।।
राखी पर लगेगा ग्रहण:-
7 अगस्त 2017 को मनाये जा रहे रक्षाबंधन पर चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। हालांकि ग्रहण रात्रि 10 बजकर 52 मिनट पर शुरु होगा जो रात्रि के 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।।
शुभ महूर्त:-
काशी के प्रसिद्ध और प्राचीन पंचांग श्री गणेश आपा जी के अनुसार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दिन 1/21 से 3/58 तक है।।
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