अब या तो तेजस्वी इस्तीफा देंगे या नीतीश?
BY Suryakant Pathak25 July 2017 2:18 PM GMT

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Suryakant Pathak25 July 2017 2:18 PM GMT
पटना- बिहार में महागठबंधन की सरकार में जारी सियासी संकट फिर तूफान की शक्ल में सामने आ सकता है।
सूत्रों के अनुसार तेजस्वी को हटाने की जिद से नीतीश कुमार पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। हालांकि बिहार सीएम ने मंगलवार को दिल्ली में कहा कि महागठबंधन की सरकार पर कोई संकट नहीं है लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस और अपने करीबियों को तेजस्वी पर अपने स्टैंड की जानकारी भी दी।
जेडीयू ने फिर अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि 27 जुलाई से पहले तेजस्वी यादव सामने आकर या तो अपने केस के बारे में बिन्दुवार सफाई दें या उन्हें बिहार सरकार से इस्तीफा दे देना चाहिए। जेडीयू का कहना है कि अगर दोनों नहीं हुआ तो नीतीश खुद भी इस्तीफा देने को तैयार हैं। जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने मंगलवार को एनबीटी से कहा कि अगर तेजस्वी यादव जेडीयू से होते तो उनका इस्तीफा कब का हो चुका होता।
केसी त्यागी ने कहा कि मामले का हल निकालने की बहुत कोशिश की गई है और अब खुद तेजस्वी को तय करना होगा। उन्हें पार्टी की ओर से पर्याप्त संकेत दे दिया गया है। सूत्रों के अनुसार जेडीयू के सीनियर नेता शरद यादव ने भी तेजस्वी को मनाने की कोशिश की लेकिन वह इसमें सफल नहीं रहे। अब दोनों दलों के बीच संवाद के रास्ते एक बार फिर बंद होते दिख रहे हैं। बीजेपी ने 27 जुलाई से शुरू होने वाले बिहार विधानसभा सत्र से पहले तेजस्वी के इस्तीफे की मांग भी की है। जेडीयू सूत्रों के अनुसार पार्टी के स्टैंड में कोई बदलाव नहीं आया है और तेजस्वी ने अपनी मजबूत सफाई या इस्तीफा नहीं दिया तो फिर नीतीश कोई दूसरा कड़ा कदम उठा सकते हैं जिनमें वह खुद इस्तीफा देने का विकल्प चुन सकते हैं।
पिछले मंगलवार को तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के बीच मुलाकात के बाद ऐसा माना गया था कि बिहार में जारी सियासी संकट समाप्त हो गया है। हालांकि नीतीश की राहुल गांधी से मुलाकात के बाद यह बात सामने आई कि संकट के बादल अभी भी गहरे हैं और नीतीश चाहते हैं कि कांग्रेस सुनिश्वित करे कि तेजस्वी सम्मानपूर्वक इस्तीफा दे दें। उधर, अपने केस के सिलसिले में कानून सलाह के लिए बिहार के डेप्युटी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव दिल्ली में दो दिनों से हैं।
सूत्रों के अनुसार सीनियर वकील रामजेठमलानी उनका केस लड़ेंगे। रेलवे से जुड़े एक घोटाले के आरोप में सीबीआई ने पिछले दिनों तेजस्वी यादव सहित लालू प्रसाद के ठिकानों पर छापा मारा था। इसके बाद आरजेडी और जेडीयू के बीच विवाद पैदा हो गया है। जेडीयू करप्शन पर जीरो टॉलरेंस का तर्क देकर तेजस्वी से इस्तीफा देने को कह रही है। वहीं आरजेडी ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ इनकार किया है। हालांकि कांग्रेस की मध्यस्थता से आरजेडी-जेडीयू के बीच जारी तनाव को कम करने की काफी कोशिश की गई लेकिन अब तक इसमें पूरी तरह से सफलता नहीं मिली है। हालांकि शुरू में कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को पूरी तरह सपॉर्ट देने की घोषणा की लेकिन बाद में पार्टी ने अपने स्टैंड में बदलाव किया और तटस्थ हो गई।
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