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वन विभाग की जमीन खरीदकर रिसॉर्ट बनवाने लगीं भाजपाई मंत्री की पत्नी, पति के मंत्रालय ने लिखा- हम कुछ नहीं कर सकते
BY Suryakant Pathak25 July 2017 5:34 AM GMT

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Suryakant Pathak25 July 2017 5:34 AM GMT
छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी सरकार में मंत्री और वरिष्ठ पार्टी नेता बृजमोहन अग्रवाल की पत्नी सविता अग्रवाल और पुत्र 4.12 एकड़ सरकारी वन भूमि खरीद कर रिसॉर्ट बनवा रहे हैं। ये जमीन सितंबर 2009 में खरीदी गई थी। रमन सिंह सरकार के कई अधिकारियों ने इस खरीद-बेच पर सवाल उठाए, यहां तक कि हाल ही में 30 जून को भी इस पर आपत्ति जताई गई लेकिन सविता अग्रवाल के पति के मंत्रालय ने लिखित रूप में कहा कि इस मामले में "कोई कार्रवाई करना संभव नहीं।" इंडियन एक्सप्रेस को मिले दस्तावेज के अनुसार
बृजमोहन अग्रवाल 1990 से ही रायपुर के विधायक हैं। वो इस समय राज्य के कृषि, जल संसाधन और धार्मिक ट्रस्ट मंत्री हैं। जब उनकी पत्नी ने जमीन खरीदी थी तो वो शिक्षा, लोक निर्माण, संसदीय कार्य, पर्यटन और संस्कृति मंत्री थे। सविता अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ के महासमंद जिले के सीरपुर में जो जमीन खरीदी है उस पर श्याम वाटिका नामक रिसॉर्ट बनाया जा रहा है। उनके पति के मंत्रालय ने इस इलाके को विशेष पर्यटक क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है। इस प्रोजेक्ट के लिए अग्रवाल की पत्नी के अलावा बेटे ने भी जमीन खरीदी है। आदित्य सृजन प्राइवेट लिमिटेड और पुरबासा वाणिज्य प्राइवेट लिमिटेड ने इसी प्रोजेक्ट के लिए जमीन खरीदी है। कंपनी रिजस्ट्रार के दस्तावेज के मुताबिक आदित्य सृजन के डायरेक्टर सविता अग्रवाल और अभिषेक अग्रवाल हैं और पुरबासा वाणिज्य के एक डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल हैं।
दस्तावेज के अनुसार दो मार्च 1994 को स्थानीय झलकी गांव के पांच अन्य किसानों के साथ ही विष्णु राम साहू ने अपनी 4.12 एकड़ जमीन जल संसाधन मंत्रालय को "दानपत्र" के रूप में दे दी। "दानपत्र" व्यवस्था के तहत कोई व्यक्ति अपनी जमीन सरकार को सार्वजनिक हित में अपनी जमीन "दान" कर सकता है। कुछ ही समय बाद करीब 61.729 एकड़ के भूभाग के इस अंश को वन विभाग को सौंप दिया गया। दस्तावेज के अनुसार केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने जमीन के इस स्थानांतरण को दो मई 1994 को प्राथमिक मंजूरी दी थी। करीब नौ साल बाद इस जमीन पर 22.90 लाख रुपये खर्च करके हरित कार्य करवाए गए। जमीन पर पशुओं से बचने के लिए खंदकें भी बनवाई गईं। केंद्रीय मंत्रालय ने 17 दिसंबर 2003 को जमीन के स्थानांतरण को अंतिम मंजूरी दे दी। इंडियन एक्सप्रेस के पास मौजूद जमीन रजिस्ट्री रिकॉर्ड के अनुसार सरिता अग्रवाल ने खसरा संख्या 1.38, 1.37 और 1.37 की कुल 4.12 एकड़ जमीन 12 सितंबर 2009 को पांच लाख 30 हजार 600 रुपये में खरीदी।
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