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उत्तर प्रदेश

UPSSSC के पदों चेयरमैन व सदस्यों की चयन प्रक्रिया शुरू

UPSSSC के पदों चेयरमैन व सदस्यों की चयन प्रक्रिया शुरू
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प्रदेश सरकार ने यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) के अध्यक्ष व सदस्यों के रिक्त पदों पर चयन की कार्रवाई शुरू कर दी है। इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।
सरकार ने आवेदकों से आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में खास तौर से जानकारी मांगी है। आवेदन का प्रारूप नियुक्ति विभाग की वेबसाइट http://niyuktionline.up.nic.in पर उपलब्ध है। यह आयोग समूह 'ग' के रिक्त पदों पर नियुक्तियां करता है।
प्रदेश में नई सरकार आने के बाद पिछली सरकार में नियुक्त आयोग के चेयरमैन राजकिशोर यादव ने छह अप्रैल को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग की एक सदस्य बबिता लाठर को छोड़ अन्य सदस्यों केशवराम, विनय श्रीवास्तव, सुरेश यादव व अब्दुल गनी ने भी पद छोड़ दिया।
आयोग में चेयरमैन के अलावा आठ सदस्य होते हैं। पर, अखिलेश सरकार ने चेयरमैन व पांच सदस्यों की ही नियुक्ति की थी। आयोग में इस समय बतौर सदस्य बबिता लाठर की ही तैनाती है।
चेयरमैन व सदस्य के सात पदों पर होनी है नियुक्ति
आयोग में चेयरमैन व सदस्य के सात रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं। सोमवार को शासन के नियुक्ति विभाग ने आयोग में रिक्त अध्यक्ष व सदस्य पदों के लिए आवेदन मांग लिए।
विशेष सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक अशोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आवेदन अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक के कार्यालय के पते पर 17 अगस्त की शाम पांच बजे तक भेजे जा सकते हैं। लेकिन ऑफलाइन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
अध्यक्ष व सदस्य पद के लिए आवेदन अलग-अलग करना होगा। तय समय सीमा के बाद प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
आवेदन के साथ यह भी बताना होगा
- वर्तमान व पूर्व में जिन-जिन पदों पर रहे हैं, उसका ब्योरा देना होगा। पिछले 10 साल में जिन पदों पर रहे हैं उसके बारे में विस्तार से बताना होगा कि किस पद पर कितने समय तक रहे।
ये भी जानकारियां देनी होंगी
- केंद्र व राज्य सरकार के अधीन की गई सेवा की दशा में उसका पदनाम तथा अवधि की जानकारी देनी होगी।
- यदि आवेदक सरकारी या अर्धसरकारी सेवा में रहा है तो उसे सेवाकाल के दौरान आरोप पत्र व विभागीय जांच की जानकारी देते हुए कार्रवाई के अंतिम परिणाम के बारे में भी बताना होगा।
- आपराधिक प्रकरण में यदि एफआईआर दर्ज हुई है तो ऐसे मामलों का विस्तार से ब्योरा देना होगा। यदि प्रकरण में आरोप-पत्र दाखिल हुआ है तो इसका संज्ञान लेने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए केस की मौजूदा स्थिति भी बतानी होगी।
- परिवार के सदस्यों में मां, पिता, पत्नी व बच्चे के खिलाफ यदि कोई आपराधिक वाद दर्ज हुआ है तो उसकी भी जानकारी देनी होगी।
- पिछले 10 वर्षों में जिन-जिन स्थानों पर एक वर्ष से अधिक समय तक रहे हैं, उस स्थान की जानकारी व पता देना होगा।
- यदि किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्था में कार्यरत हैं तो उस संस्था के सक्षम अधिकारी की ओर से जारी एनओसी देना होगा।
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