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उत्तर प्रदेश

मायावती खिसकते जनाधार को एकजुट करने की कवायत में, रैलियां,सभाएं कर माहौल बनाने की तैयारी

मायावती खिसकते जनाधार को एकजुट करने की कवायत में, रैलियां,सभाएं कर माहौल बनाने की तैयारी
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राज्यसभा से इस्तीफा दे चुकीं बसपा प्रमुख मायावती अब अपना पूरा फोकस उत्तर प्रदेश की राजनीति पर करेंगी. मायावती यूपी में दौरा कर लोगों से मुखातिब होंगी. मायावती 18 सितंबर 2017 से 18 जून 2018 तक यूपी दौरे का कार्यक्रम बनाया है.
वो हर महीने की 18 तारीख को दो मंडलों में एक रैली करेंगी. इसी दिन उस इलाके के अहम नेता/कार्यकर्ताओं से अलग से मुलाकात करेंगी. जून 2018 के बाद के कार्यक्रमों की बाद में घोषणा होगी. हर विधानसभा के हिसाब से मायावती का कार्यक्रम बनेगा.
राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मायावती अब संगठन के कील कांटे दुरुस्त करने जा रही हैं. इसी लिहाज से उन्होंने 23 जुलाई को पार्टी के नेताओं और कोऑर्डिनेटरों की बैठक बुलाई. संसद के इसी मानसून सत्र में दलित अत्याचार के मुद्दे पर राज्यसभा में ना बोलने देने का आरोप लगाते हुए मायावती ने राज्यसभा से ही इस्तीफे दे दिया था.
मायावती के निशाने पर बीजेपी हैं. दलित अत्याचार के मुद्दे के जरिए मायावती की कोशिश दलित वोट बैंक को एकजुट रखने की है. इसके लिए मायावती ने बीजेपी राज में दलितों पर अत्याचार का मुद्दा प्रमुखता से उठने की रणनीति बनाई है. मायावती बीजेपी पर केंद्रीय एजेंसी सीबीआई का उनके और उनके परिवार के खिलाफ गलत इस्तेमाल का आरोप पहले ही लगा चुकी हैं. साथ ही माया अपनी राज्य सभा की सदस्यता की क़ुर्बानी बताकर भुनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगी.
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