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उत्तर प्रदेश

"वामपंथी रेल एवं भारतीय ट्रैक"

वामपंथी रेल एवं भारतीय ट्रैक
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मैंने वामपंथ को ज्यादा नहीं समझा है न समझना चाहता हूँ पर भारतीय परिदृश्य के परिपेक्ष्य में एवं एक आम आदमी के हैसियत से वामपंथ के लिए मेरी राय यह है कि ..
"वामपंथ एक ऐसी पंथविहीन रेलगाड़ी है जिसके डिब्बे 'बाहर से ठाठ बाट ,अंदर से रामरेखा घाट' हैं वहीं ड्राइबर लोलुप जिनके अंदर असंख्य लूपहोल्स हैं" ।

यह कहना वैसा भी नहीं कि किसी समाजवादी को घोर अराजकता का निमित मान लिया जाये और ऐसा भी नहीं कि किसी मुसलसल ईमान की निष्ठा पर तनिक शक संदेह की ग़ुज़ारिश की जाये ।

एक हमारे रिस्तेदार हैं जो वामपंथ के एक बड़े पुरोधा हैं , वामपंथियो की मजलिश में उनके घुँघरू की छमक काफ़ी चटकदार है ।
वैसे तो पेशे से प्रोफेसर हैं पर क्रांति की चाहत ने 'लाल पगड़ी' से प्रसिद्धि दिलाई ।
अब बताता हूँ आपको 'लाल पगड़ी' के व्यक्तिगत पिछड़ी-अगड़ी क्रांति के लाल पीले कारनामे...!
प्रोफ़ेसर साहब ने क्रांति की दहकती आंच में खुद के ही जरूरतमंद परिवार को झोंक दिया...अव्वल दर्जे के व्यक्तिगत हितों के हिमायती प्रोफेसर साहब स्वार्थ पूर्ति के किसी भी हद तक जा सकते हैं ।
साहेब ने अपने आस पास के लोगो मे खुद के लिए अपने क्रांति से 'धूर्त श्री' की पद-प्रतिष्ठा भी करा ली ।
अब सोचने वाली बात ये है कि जो इंसान परिवार की ज़िमेदारी नहीं निभा(स्वार्थ वस) सकता क्या वो देश रूपी परिवार को अपना सकता है ? क्या ऐसे लोग रोल मॉडल बन सकते हैं हमारे ?

इस उद्धरण का मकसद किसी को नीचा दिखाना या फिर व्यक्तिगत आक्षेप लगाना बिल्कुल नहीं वरन बस आपके साथ मेरा खुद का विश्लेषण/अनुभव बाटना है ।
अभी तक के मेरे परिचित जितने भी वामपंथी है कुछेक को छोड़ सभी उपरोक्त वर्णित 'क्रांति क्राइटेरिया' को पूरा करते हैं और ये कोई पूर्वाग्रह नहीं मेरा ।

आइये अब आपको एक आम आदमी के चश्में से 'लेफ्ट के कुछ अल्ट्राराइट' किस्से बताता हूँ ....
•भारत-पाक विभाजन का समर्थन एवं जमीन तैयार करना ।
• 1962 , भारत-चीन युद्ध मे इनकी कथित देशविरोधी भूमिका ।
• इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस का पूर्ण समर्थन ।
•भारत - पाक युद्ध मे इनकी चुप्पी ।
•भारत के प्रथम परमाणु परीक्षण में इनकी भूमिका ?
• जेएनयू जैसी प्रख्यात युनिवर्सिटी को अराजकता एवं लोलुपता का गढ़ बना देना ।
• भारतीय गौरवशाली इतिहास के साथ बलात्कार ।
• अभियक्ति की आजादी के नाम पर व्याभिचार परोस भारतीय संस्कृति को दूषित करना ।
• हिन्दू देवी देवताओं का प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से अपमान करना एवं ऐसी एक्टिविटी को समर्थन देना ।
• नक्सलियों एवं माओवादियों को प्रत्यक्ष समर्थन एवं मदद करना ।
• दलित एवं अल्पसंख्यकों को बड़ी ही चतुराई से ढाल बना वर्ग संघर्ष के लिये , विखंडन के लिये उकसाना ।
• चरमपंथियों का परोक्ष रूप से समर्थन ...काश्मीर, असम ,केरल, बंगाल , नॉर्थईस्ट में विखंडन को बढ़ावा देना ।

भारतीय लेफ्ट के पास एक ही राइट चीज है.. जानते हैं क्या ?? वो है इनकी शिक्षा पर दुर्भाग्य की वो भी अव्वल भटकी हुई...लोलुपता में अटकी हुई ।

वैसे किस्से तो और भी हैं पर फिर कभी...आज के लिये बस इतना ही ।

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संदीप तिवारी 'अनगढ़'
"आरा"
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