'कॉलेजों के बाहर अब भी लग रही लड़कों की भीड़, कुछ करिए मैडम'
BY Suryakant Pathak22 July 2017 10:47 AM GMT

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Suryakant Pathak22 July 2017 10:47 AM GMT
रोमियो स्क्वायड बनने के बावजूद कॉलेजों के बाहर लड़कों की भीड़ लगी रहती है। पुलिस चौराहों पर बैठी रहती है और लड़के छात्राओं से बदतमीजी करते हैं। इन पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार कोे पांडु नगर स्थित मदर टेरेसा एजूकेशन सेंटर में आयोजित 'पुलिस की पाठशाला' में छात्राओं ने बेबाकी से सवाल किए।
एसएसपी सोनिया सिंह ने छात्राओं के सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासा शांत की। खाकी वर्दी में महिला अधिकारी को अपने पास देखकर छात्राओं ने सवालों की झड़ी लगा दी। कुछ पुलिस की कार्यशैली की प्रशंसा की तो किसी पर सवाल उठाए।
एसएसपी ने छात्राओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि छेड़छाड़ के मामलों में डरने के बजाय पुलिस को सूचित करें। बच्चों ने पुलिस पर भ्रष्टाचार बढ़ाने की बात कही तो उन्होंने उसे स्वीकारते हुए कहा कि अब काफी सुधार हो गया है। पुलिस के साथ समाज को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
माता-पिता को ध्यान देना चाहिए कि छोटे-छोटे बच्चे मोटरसाइकिल न चलाएं। इस मौके पर प्रबंधक सैमुअल सिंह, रीना सिंह (प्रधानाचार्य, मदर टेरेसा), मीना सिंह (प्रधानाचार्य ईश्वरीगंज) , हेलिना सिंह (प्रधानाचार्य केपीआईसी), अमरेश त्रिपाठी, आदि मौजूद रहे।
सवाल- एंटी रोमियो स्क्वायड बनाया गया है इसके बावजूद भी स्कूलों के बाहर आवारा लड़के खड़े रहते हैं। उन पर रोक क्यों नहीं लगाई जाती?- मुस्कान, छात्रा
जवाब- छेड़खानी से रोक के लिए सुप्रभात और एंटी रोमियो टीम काम कर रही है। अगर कहीं ऐसा होता है तो छात्राएं भी पुलिस का सहयोग करें।
सवाल - पुलिस यातायात नियम तोड़ने पर लोगों को पकड़ती है और पैसे लेकर छोड़ देती है। ऐसा क्यों? - प्राची सिंह, छात्रा
जवाब- ट्रैफिक पुलिस ने आन स्पॉट फाइन की व्यवस्था की है। इसलिए लीगल तरीके से फाइन के तौर पर पैसे लिए जाते हैं। जिससे कोई दोबारा कोई गलती न करे।
सवाल- हेलमेट के लिए पुलिस सिर्फ जनता को ही पकड़ती है जबकि स्वयं उस निमय का पालन नहीं करती। उन पर एक्शन क्यों नही होता?- सुदीप पाल, छात्र
जवाब- पुलिस को भी नियमों का पालन कराया जा रहा है। 25 पुलिसकर्मियों की गाड़ियां सीज की गई है। यह निरंतर चलता रहेगा।
पुलिस के इतने बड़े अधिकारी को पहली बार सामने देखा है। इतनी शालीन हैं लोग बेवजह पुलिस को बुरा कहते हैं। - प्राची सिंह
छात्रा एसएसपी को देखकर बहुत ऊर्जावान हो गई हूं। उन्हीं की तरह आईपीएस बनकर समाज सेवा करना चाहती हूं। - मुस्कान पाल
छात्रा अभी तक पुलिस को देखकर डर लगता था लेकिन पहली बार बातचीत करने के बाद बहुत अच्छा लग रहा है। - उर्वशी
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