हथियार-कारतूस पर टैक्स आधा, 35.5 % के बजाय अब लगेगा 18 फीसद
BY Suryakant Pathak21 July 2017 2:13 AM GMT

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Suryakant Pathak21 July 2017 2:13 AM GMT
असलहाधारकों को अब ज्यादा टैक्स नहीं देना होगा। पहली जुलाई से देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के साथ ही इस पर लगने वाला 35.5 प्रतिशत टैक्स अब 18 फीसद ही देना होगा। जीएसटी लागू होने से कारतूस और असलहों पर लगने वाली करों की दर तकरीबन आधी हो गई है।
यूपी में अब तक हथियारों एवं कारतूस पर 35.5 फीसद तक कर लगता था, मगर जीएसटी लागू होने के बाद अब इन पर केवल 18 प्रतिशत ही टैक्स लगेगा। सूबे में कारतूस की खरीद पर 12.5 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी, दो फीसदी वैट और 21 प्रतिशत राज्य कर समेत कुल 35.5 फीसदी तक कर लगता था। कानपुर में बनने वाली रिवाल्वर पर 21 फीसदी और दूसरे राज्यों से आने वाली रायफल और पिस्टल पर 35.5 फीसदी कर लगता था। इससे इनकी कीमतों में काफी इजाफा हो जाता था। जीएसटी लागू होने के बाद कारतूस पर कर 17.5 फीसदी और सूबे में बनी रिवाल्वर पर तीन फीसदी तथा अन्य राज्यों में बनी रायफल एवं पिस्टल पर कर 17.5 प्रतिशत कम हो जाएगा, जिससे कारतूस एवं हथियार सस्ते हो जाएंगे।
जिले में शस्त्र बिक्री की नौ दुकानें
जिले में शस्त्र विक्रेताओं की कुल नौ दुकानें हैं। इन दुकानों से ही जिले के अधिकांश असलहाधारक कारतूस की खरीदारी करते हैं। प्रमुख शस्त्र विक्रेता अशोक गन हाउस के मालिक अशोक गुप्त ने बताया कि कारतूसों की बिक्री शादी-विवाह के सीजन में अधिक होती थी। हर्ष फायरिंग पर रोक के बाद से कारतूस की बिक्री कम हो गई है। यही हाल असलहों का भी है। नए लाइसेन्स न बनने से असलहों की बिक्री भी लगभग ठप है। जीएसटी के बाद कारतूसों की बिक्री में बढ़ोतरी होगी।
खिलाड़ियों को मिलेगी राहत
कारतूस एवं हथियारों की कीमतों में कमी का सबसे अधिक फायदा खिलाड़ियों को होगा। जीएसटी लागू होने के बाद निशानेबाजी एवं शूटिंग के खिलाड़ियों को राहत मिल जाएगी। खिलाड़ी आयातित कारतूस और पिस्टल, रायफल से अभ्यास करते हैं। नेशनल लेबल के खिलाड़ियों को आयातित कारतूस और पिस्टल एवं रायफल पर कोई कर नहीं देना होता है, मगर राज्य और प्री नेशनल खिलाड़ियों को भारी भरकम कर देना पड़ता था। जीएसटी के बाद राज्य और प्री नेशनल खिलाड़ियों को अब 35.5 प्रतिशत के बजाय केवल 18 फीसदी कर ही देना होगा।
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