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उत्तर प्रदेश

जीएसटी समाधान (Composition) के सम्बन्ध में विशेष बातें:- (प्रेम शंकर मिश्र)

जीएसटी समाधान (Composition) के सम्बन्ध में विशेष बातें:-  (प्रेम शंकर मिश्र)
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1.समाधान से मतलब सामान्य के स्थान पार एक विशेष दर से कर भुगतान से है अतः इस धारा के प्रावधान अन्य धाराओं से अतिरिक्त प्रभार रखते हैं I
2.समाधान अपनाने वाले व्यापारी का कर सिर्फ प्रदेश और केंद्र सरकार को जायेगा अतः समाधान में प्रदेश बाहर की बिक्री प्रतिबंधित है I समाधान के कर को भी राज्य और केंद्र दोनोँ सरकार आधा आधा बंटेगी I
3.समाधान अपनाने वाले व्यापारी द्वारा सामान्यतया सिर्फ उपभोक्ता ग्राहक को ही माल की बिक्री की जानी चाहिए I परन्तु समाधान वाले द्वारा स्पष्ट रूप से आगे दुकानदार या पंजीकृत व्यापारी को बिक्री प्रतिबंधित नहीं है I एक समाधान व्यापारी दुसरे समाधान व्यापारी को माल बेच सकता है और उससे खरीद भी सकता है I अगर खरीद लिया तो ऐसी खरीद पर उल्टा रिवर्स चार्ज से स्वय टैक्स जमा करने वाला नियम लागू नहीं होगा क्योंकि ऐसी खरीद न तो धारा 9(3) में cover होती है और 9(4) में I 9(3) में सिर्फ "अनुसूचित माल और सेवाएँ" है और 9(4) में "अपंजीकृत से खरीद" है I
4.छोटे रिटेलर दुकानदार, ऐसे निर्माता छोटे व्यापारी जो सीधे उपभोक्ता ग्राहकों को माल बेचते हों, छोटे रेस्तौरेंट, ढाबे संचालक इस योजना को अपना सकते हैं आइसक्रीम, पानमसाला और तम्बाकू उत्पाद निर्माता इसके लिए प्रतिबंधित हैं पर इसके रिटेलर नहीं
5. समाधान अपनाने का आवेदन करते समय अच्छा होगा कि आपके पास कोई स्टाक न हो I यदि आप ने जीएसटी में माइग्रेट किया है और समाधान अपनाना चाहते हैं तो आपके पास का स्टाक "प्रान्त में टैक्स पेड" होना चाहिए अर्थात उस की खरीद पर वैट चुका दिया गया होना चाहिए I इसलिए प्रान्त बाहर से खरीद में से स्टाक शेष रखने वाले समाधान अपनाने के लिए प्रतिबंधित हैं कारण क्योंकि स्टाक का माल प्रान्त बाहर से ख़रीदा हुआ है, इस पर प्रान्त में टैक्स नहीं दिया हुआ है और आपने C या F फॉर्म जारी कर दिया हो या आप द्वारा किया जायेगा I प्रान्त बाहर से खरीद में से स्टाक शेष रखने वाले समाधान अपनाने के लिए प्रतिबंधित हैं I
6.जीएसटी में प्रान्त और प्रान्त बाहर दोनोँ स्थान से समाधान व्यापारी को खरीद allowed है
7. समाधान अपनाने के इच्छुक व्यापारी जो जीएसटी में माइग्रेट हुए हैं उन्हें 30 दिन के अन्दर GST CMP-01 तथा नया रजिस्ट्रेशन लेने वाले व्यापरियों को GST CMP-02 फार्म ऑनलाइन दाखिल करना है I यह फार्म कोई विशेष नहीं है सिर्फ नाम पता जीएसटी नम्बर भर कर विकल्प चुनने की सूचना दाखिल करनी है
8. इसके साथ माइग्रेट व्यापारियों को 60 दिनों में GST CMP-03 फार्म भी दाखिल करना है I यह फार्म महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें विकल्प अपनाने के प्रारंभ में पड़े हुए स्टाक की सूचना देनी है I स्टाक के खरीद की पूरी और विस्तृत सूची दाखिल करनी है I सूची के भी दो भाग है पंजीकृत व्यापारियों से तथा अपंजीकृत से I सीधा सा मतलब है अपंजीकृत खरीद स्टाक पर टैक्स लायबिलिटी स्वीकार करनी है I
9. कैलकुलेशन सिद्ध करते हैं यदि दुकानदार अच्छे मार्जिन पर माल बेचता है तो समाधान सामान्य के मुकाबले फायदेमंद है अन्यथा नुकसानदायक I
10. वर्ष के दौरान आपकी टर्नओवर 75लाख cross करती है तो आप इस योजना से बाहर आ जायेगे I यदि वर्ष मध्य के मध्य में आपको यह योजना नुकसानदायक लगती है तो भी आप इससे बाहर आ सकते हैं I जब बाहर आयेंगे तो आपको उस दिन पड़े हुए कैपिटल गुडस सहित कच्चे तैयार सभी प्रकार के स्टाक पर इनपुट टैक्स का क्रेडिट दिया जायेगा I
11. जीएसटी दुकानदारों को तिमाही रिटर्न जीएसटीआर-4 फार्म में दाखिल करनी है I यह फार्म ऑटोमेटिक है I आपकी खरीद आपको यहाँ स्वंय उपलब्ध मिलेगी I खरीद छुपाने का इरादा दिमाग से निकाल दें
12. ध्यान रखें सप्लाई के विरुद्ध एडवांस पर टैक्स समाधान में भी देय होगा I बिना बिल के खर्चों पर रिवर्स चार्ज टैक्स भी लगेगा I
13.यदि आप माइग्रेट से पहले वैट के अंतर्गत समाधान में थे तो भी आपको स्टाक की सूची दाखिल करनी है I ट्रांस-1 फार्म दाखिल करके दि.01.07.17 के स्टाक पर CGST के विरुद्ध क्रेडिट ले सकते हैं I
14. चूँकि ऐसे दुकानदारों को खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिलती है सिर्फ बिक्री पर टैक्स देना होता है तो ये नुकसान पर भी बिक्री कर सकते हैं कोई ITC रिवर्सल नहीं होगा
15. समाधान वालों पर टीडीएस भी कटेगा और वे इसका क्रेडिट भी लेंगे
16. जीएसटी का समाधान वैट का जैसा समाधान नहीं है उससे जटिल है !
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