दक्षिण फैक्टर बना गया वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार?
BY Suryakant Pathak17 July 2017 3:13 PM GMT

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Suryakant Pathak17 July 2017 3:13 PM GMT
वेंकैया नायडू का अब उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय है। भाजपा संसदीय बोर्ड ने उन्हें उम्मीदवार चुन लिया है। आंकड़े उनके पक्ष में हैं और संख्या बल के मुताबिक वह विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल गांधी को आसानी से हरा देंगे। राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए भी वेंकैया का नाम चल रहा था, लेकिन तब अटकलें गलत निकलीं। इस बार कयास सच साबित हुए। वेंकैया का चयन कई कारणों से किया गया हो सकता है। इनमें इतिहास, भूगोल, व्यक्तित्व सब कुछ शामिल है।
बीजेपी के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं. दक्षिण भारत से हैं यही बात उनके पक्ष में सबसे ज्यादा गई. पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का दावेदार बनाए जाने से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी की पैठ बढ़ेगी. राज्यसभा का गहन अनुभव है. चौथी बार राज्य सभा सांसद है. बचपन से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. आपातकाल में मीसाबंदी. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं. अन्य पार्टी के नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं. सदन चलाने की क्षमता है. मोदी सरकार के संकटमोचक की छवि है. संसदीय कार्यमंत्री रहने के नाते संसदीय नियमों की जानकारी है.
राष्ट्रपति के लिए उत्तर भारतीय उम्मीदवार चुना गया, तो उपराष्ट्रपति के लिए दक्षिण भारतीय नेता का चयन कर भौगोलिक संतुलन बनाने की कोशिश की गई हो सकती हो। वेंकैया आंध्र प्रदेश के हैं। वह चार बार राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने हैं। दक्षिण मूल के साथ-साथ राजस्थान कनेक्शन होना उनके हक में गया।
वेंकैया नायडू को संसदीय काम काज का बड़ा अनुभव रहा है। संसदीय कार्य मंत्री के रूप में भूमिका निभाने के अलावा उन्होंने बतौर राज्यसभा सांसद चार बार निर्वाचित होने का सौभाग्य पाया है। अभी भी वह राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद हैं। वह 1998, 2004,2010 और 2016 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने। यह अनुभव उन्हें बतौर राज्यसभा सभापति (जो भूमिका पदेन रूप से उपराष्ट्रपति निभाते हैं) काफी काम आएगा।
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