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उत्तर प्रदेश

मानवता शर्मसार : नहीं दी एंबुलेंस तो पैदल जाने को मजबूर हुई प्रसूता, मासूम के साथ सड़क पर पड़ी मिली

मानवता शर्मसार : नहीं दी एंबुलेंस तो पैदल जाने को मजबूर हुई प्रसूता, मासूम के साथ सड़क पर पड़ी मिली
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गर्भवती जब सड़क पर बच्चा जनती है तो सब दौड़ भाग शुरू हो जाती है। कुल मिलाकर बात ये है कि आखिर सारी सहुलियत होते हुए भी लापरवाही क्यों..?

हमीरपुर के मौदहा इलाके के पढ़ोरी गांव की एक महिला का प्रसव होने के दूसरे दिन बिना किसी साधन के अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। प्रसव पीड़ा के बाद दर्द और कमजोरी झेल रही प्रसूता पति के साथ कुछ दूर पहुंची और सड़क किनारे गिर पड़ी। कुछ लोगों ने अस्पताल में इसकी सूचना दी तब उसे एंबुलेंस मुहैया कराई गई।

पढ़ोरी गांव का संतोष अपनी पत्नी रामरती को अस्पताल में प्रसव के लिए लाया था। उसने बताया कि 13 जुलाई को उसकी डिलीवरी हुई। 14 जुलाई को उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। हालत खराब होने के कारण अपनी पत्नी को नहीं ले गया। 15 जुलाई की शाम जब उसे शाम तक एंबुलेंस नहीं मिली तो वह पत्नी व मासूम बच्चे के साथ अस्पताल से निकल आया।

लेकिन कुछ दूर चलने के साथ ही दर्द और कमजोरी के कारण उसकी पत्नी सड़क किनारे गिर गई। कुछ समाजसेवियों ने इसकी सूचना अस्पताल में दी। इस बात पर नाराजगी जताई कि सरकार ने जज्जा बच्चा को घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध है। अस्पताल से कोई सहयोग नहीं मिला। तब कहीं देर शाम एंबुलेंस आई। तब उसे घर भेजा गया। इस संबंध में प्रभारी डा. अनिल सचान ने बताया कि वह छुट्टी पर है। एंबुलेंस मुहैया कराने में कर्मियों को सहयोग करना चाहिए।

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