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अब दलितों को मिलेगा नागा साधु बनने का मौका, मजबूत हो सकता है बीजेपी का वोट बैंक
BY Suryakant Pathak15 July 2017 9:19 AM GMT

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Suryakant Pathak15 July 2017 9:19 AM GMT
दलितों को पहली बार नागा साधु बनने का मौका दिया जाएगा। यह फैसला संत और साधुओं की सबसे ऊंची संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) द्वारा लिया गया है। ABAP ने बताया कि आने वाले अर्ध कुंभ में दलितों को संत-साधु बनने का मौका दिया जाएगा। अर्ध कुंभ 2019 के जनवरी-फरवरी में होना तय हुआ है। 2019 का वक्त लोकसभा चुनाव का होगा। ऐसे में इस फैसले को उससे जोड़कर भी देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे दलितों के बीच बीजेपी की पैठ बढ़ेगी।
ABAP के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी जो कि निरंजनी अखाड़े के प्रमुख हैं उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की है। नरेंद्र गिरी ने बताया कि 2019 अर्ध कुंभ में दलितों को संत-साधु बनाने का काम किया जाएगा। नरेंद्र गिरी ने कहा कि सभी बड़े 13 अखाड़े इस बात के लिए मान गए हैं और वह पल बड़ा ही एतिहासिक होगा।
अबतक क्या है नियम: फिलहाल ऊंची जाति के लोगों को ही नागा संत-साधु बनने की अनुमति होती है। जिसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य समाज के लोग शामिल होते हैं। इसपर नरेंद्र गिरी ने कहा कि अगर दलित जाति के लोग नागा साधु बनकर उनके कठोर जीवन का अनुभव लेना चाहते हैं तो इसमें परेशानी की कोई बात ही नहीं है। उन्होंने कहा इससे जाति के नाम पर होने वाला भेदभाव और कम होगा।
लखनऊ के जाने-माने संत महंत प्रदीप आचार्य ने भी इसपर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के लिए वह पल एतिहासिक होगा। उन्होंने कहा कि हम लोग उस वक्त से काफी आगे आ गए हैं जब दलितों को मंदिर के अंदर भी नहीं घुसने दिया जाता था।
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