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उत्तर प्रदेश

शहीद फौजी के बच्चों ने भी दिखाया जज्बा, कहा- सेना में भर्ती होकर लूंगा बदला

शहीद फौजी के बच्चों ने भी दिखाया जज्बा, कहा- सेना में भर्ती होकर लूंगा बदला
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8 साल की काजल और उसका 7 वर्षीय भाई कार्तिक बेसब्री से अपने पिता के घर आने का इंतजार कर रहे थे। लेकिन शुक्रवार को उनके घर पिता का शव पहुंच रहा है। अब इन दोनों ने तय कर लिया है कि वो अपने पिता लांस नायक रंजीत सिंह का सपना पूरा करेंगे और सेना में भर्ती होंगे। लांस नायक रंजीत सिंह उन दो जवानों में से एक थे जो बुधवार को जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर में हुई फायरिंग में शहीद हो गए थे।

कार्तिक ने कहा कि वह बड़ा होकर अच्छा आदमी और फौजी बनना चाहता है। वहीं उसकी बहन ने आईपीएस ऑफिसर बनने का फैसला किया है ताकि वे पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ लड़ सकें।

कार्तिक ने कहा, "पापा हमेशा कहा करते थे कि एक अच्छे आदमी बनना और आर्मी में भर्ती होना। सेना में जाने के बाद मैं अपने पिता की मौत का बदला लूंगा।" रंजीत की पत्नी नेहा ने विलाप करते हुए कहा कि उन्हें सरकार से न्याय चाहिए। पूर्व सरपंच हरी सिंह ने कहा कि रंजीत पहले जबलपुर में तैनात था लेकिन उसे एलओसी पर जाने का मन था। उन्होंने कहा, "पूरा गांव सदमे में है लेकिन हमे देश के लिए जान न्यौधावर करने के लिए उसपर गर्व भी है।"
लांस नायक रंजीत सिंह और रायफलमैन सतीश भगत एलओसी पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन में शहीद हो गये थे। दोनों ही जवान 3 JAK रायफल से थे और एलओसी के पास उन्हें तैनात किया गया था। रंजीत सिंह जम्मू-कश्मीर में भलवाल इलाके के रहने वाले थे। उनके परिवार में एक पत्नी और दो बच्चे हैं। रायफलमैन सतीश जम्मू जिले के गुरहासिंघू गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में रिटायर्ड जनरल पिता और मां है। सतीश के बड़े भाई सुशील ने कहा कि वह 2015 में सेना में भर्ती हुआ था। दोनों ही सैनिकों का शव शुक्रवार को उनके आवास पर पहुंचेगा।

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