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उत्तर प्रदेश

घोटाले के आरोपी को योगी के मंत्री ने जिले में कराया तैनात

घोटाले के आरोपी को योगी के मंत्री ने जिले में कराया तैनात
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यूपी के नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश यादव से जुड़ा न्य मामला । उन्होंने तीन सौ करोड़ के मनरेगा घोटाले से जुड़े एक अफसर को ही अपने जिले में तैनाती कराई। यह अफसर मंत्री का रिश्तेदार है। ऐसे में रिश्तेदारी के एवज में राजनीतिक शुचिता को ताक पर रखने से योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि अखिलेश सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कटघरे में खड़ाकर आई भाजपा सरकार भी उसी ढर्रे पर चल रही है। ऐसे में अंतर क्या रह जाएगा।
सोनभद्र जिले में तीन सौ करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में सीबीआई 12 लोगों को अब तक जेल भेज चुकी है। घोटाले में खंड विकास अधिकारी राजेश यादव का नाम सामने आ चुका है। नई सरकार बनने के बाद बीडीओ राजेश यादव के रिश्तेदार गिरीश यादव मंत्री बन गए। फिर क्या था कि राजेश यादव की चांदी हो गई। कौन कहे घोटाले में कार्रवाई होने के , उल्टे रिश्तेदार मंत्री से सिफारिश कराकर जौनपुर में तैनाती पा ली। गिरीश यादव भी जौनपुर सदर से ही विधायक हैं। अपने ही जिले में अपने रिश्तेदार की तैनाती कराने के पीछे मंत्री की क्या मंशा हो सकती है, यह समझना कठिन नहीं है। भाजपा के विधायकों ने ही उठाया मामला
जब मंत्री गिरीश यादव की ओर से अपने रिश्तेदार बीडीओ को तैनात कराने का मामला सामने आया तो जौनपुर के ही तीन भाजपा विधायकों ने मोर्चा खोल दिया। भाजपा के बदलापुर विधायक रमेश मिश्र, केराकत विधायक दिनेश चौधरी और जफराबाद विधायक डॉ. हरेंद्र सिंह ने ग्राम्य विकास राज्य मंत्री महेंद्र सिंह को पूरे मामले से रूबरू कराया है। इसके अलावा विधायकों ने कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखा है। रमेश मिश्र ने मुख्यमंत्री को बताया कि राजेश यादव सोनभद्र में 2007 से 2010 के बीच हुए मनरेगा के 300 करोड़ रुपये घोटाले का आरोपी है।
सीबीआई अभी भी इसकी जांच कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 2005 में भी राजेश यादव बतौर बीडीओ जिले में तैनात था। उस समय करोड़ों की हेराफेरी की गई थी। मिश्र ने कहा है कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को जिले में तैनात होने का हक नहीं है।
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