14 करोड़ की लगत से बने बांध पर 100 करोड़ से ज्यादा मरम्मत पर खर्च

कटान और फैलाव ही घाघरा नदी का शगल रहा है और इसी फैलाव को रोकने के लिए सन 2005 में तत्कालीन बसपा सरकार ने घाघरा नदी पर एल्गिन-चरसड़ी तटबंध बनाया था. सरकार का दावा था कि इस बांध से जिले के 175 गांव के लाखों लोगों की सुरक्षा होगी. यही नहीं इससे लाखों हेक्टेयर फसल को भी बर्बाद होने से बचाया जा सकेगा. अब तो यह तटबंध हर साल कमाने खाने का जरिया बन गया है. क्योंकि बनने के बाद से ये बांध आज तक 5 बार टूट चुका है और 14 करोड़ की लागत से बनने वाले इस बांध पर अब तक लगभग 100 करोड़ रुपये सिर्फ मरम्म्त में खर्च हुआ है.
2009 से अब तक एल्गिन-चरसड़ी तटबंध की मरम्मत पर खर्च का विवरण:
1 - 2009 में 8 करोड़ 58 लाख रुपए
2 - 2010 में 9 करोड़ 23 लाख रुपए
3 - 2011 में 12 करोड़ 68 लाख रुपए
4 - 2012 में ही 9 करोड़ 46 लाख रुपए
5 - 2013 में 9 करोड़ 92 लाख रुपए
6 - 2014 में 11 करोड़ 40 लाख रुपए
7 - 2015 में 10 करोड़ 84 लाख रुपए
8 - 2016 में 5 करोड़ 83 लाख रुपए
9 - 2017 - इस बार फिर बांध की मरमम्त के लिए 58 करोड़ का टेंडर डाला जाना था जो यहां के नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई की वजह से खटाई में पड़ा हुआ है.