Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

15 दिन पहले ही मिला था अमरनाथ यात्रा पर हमले का अलर्ट, कोऑर्डिनेशन में कमी क्यों ?

15 दिन पहले ही मिला था अमरनाथ यात्रा पर हमले का अलर्ट, कोऑर्डिनेशन में कमी क्यों ?
X
श्रीनगर : अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले को टाला जा सकता था, यदि हमले का शिकार हुई बस तय समय के दौरान ही हाईवे से गुजरती। प्रशासन भी सोमवार की घटना को इंटेलिजेंस वॉर्निंग को गंभीरता से लेकर टाल सकता था। करीब 15 दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन को खुफिया एजेंसियों ने यात्रा पर संभावित खतरे को लेकर अलर्ट किया था। शाम के समय यात्रियों की बसों के चलने पर रोक लगाकर इस हमले से बचा जा सकता था। 25 जून को चंडीगढ़ में जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और आईबी के अधिकारिों की मल्टी-एजेंसी कोऑर्डिनेशन मीटिंग में अमरनाथ यात्रियों पर हमले का इनपुट साझा किया गया था।
अलर्ट में कहा गया था, अनंतनाग के एसएसपी की ओर से मिले इनपुट्स के अनुसार आतंकियों को आकाओं की ओर से 100 से 150 यात्रियों और तकरीबन 100 पुलिस अधिकारियों की हत्या का आदेश दिया गया है। इसके अलावा यात्रा के काफिले पर हमला कर पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश रची जा सकती है।' अलर्ट के मुताबिक, 'जिस तरह के इनपुट मिले हैं, उसे देखते हुए समन्वय की जरूरत है। लेकिन, सनसनीखेज हमले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। मौके पर तैनात सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने और बेहद सावधानी बरतने का आदेश दिया जाना चाहिए। आतंकियों की इस तरह की हिंसा की प्लानिंग को ध्वस्त करने के लिए सभी तरह के प्रयास किए जाने की जरूरत है।'
इस अलर्ट का खुलासा जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी (कश्मीर जोन) मुनीर खान ने हरियाणा, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों के समक्ष किया था। इन्हीं राज्यों से अमरनाथ यात्रा के लिए सबसे अधिक लोग जाते हैं। अमरनाथ दर्शन कर लौट रही 60 यात्रियों की बस पर सोमवार को आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसमें 7 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने बताया कि हमले का शिकार हुई बस में सवार लोगों ने दो दिन पहले ही अमरनाथ गुफा के दर्शन किए थे और उसके बाद सोमवार की शाम को जम्मू वापस लौट रहे थे।
गलत समय पर श्रीनगर से निकली थी बस
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हमले का शिकार हुई बस (GJ09Z 9976) शाम को 4:40 बजे श्रीनगर से वैष्णो देवी के लिए रवाना हुई थी। श्रीनगर से वैष्णो देवी की दूरी 250 किलोमीटर है, जिसे तय करने में तकरीबन 5 से 6 घंटे का वक्त लगता है यानी बस में देर से निकली थी। यात्रियों का कहना है कि श्रीनगर से 50 किलोमीटर दूर चलते ही संगम में ड्राइवर को बस में पंक्चर के बारे में पता चला। इसके बाद रास्ते में ही बस रोककर उसने टायर बदला। इसके चलते बस एक घंटा लेट हो गई। सुरक्षा बलों के जवानों की 4 बजे सुबह से शाम को 7 बजे तक हाईवे पर पैट्रोलिंग की ड्यूटी है। लेकिन, बस उस समयसीमा के बाद चल रही थी।
Next Story
Share it