मुलायम रखते थे पहलवानी का शौक तो बेटा बॉडीबिल्डर
BY Suryakant Pathak11 July 2017 11:40 AM GMT

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Suryakant Pathak11 July 2017 11:40 AM GMT
'नेता जी' के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव पुराने पहलवान हैं। अखाड़े की कुश्ती में माहिर। राजनीति की कुश्ती में उनके चरखा दांव से बड़े-बड़े नेता भी कई बार पटखनी खा चुके हैं। अपने राजनीतिक जीवन में अब तक मुलायम बस एक ही बार दांव चूके हैं, जब वह राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गये थे।
कहा जाता है कि तब एक और यादव नेता और अब उनके समधी लालू प्रसाद ने एन वख्त पर औचक लंगड़ी मार दी थी। मुलायम और साधना के बेटे प्रतीक रियल एस्टेट बिजनेसमैन हैं। उनका दूसरे राज्यों में भी कारोबार फैला है। प्रतीक को बॉडी बिल्डिंग का शौक है। प्रतीक ने लखनऊ में 7 हजार स्क्वेयर फीट में हाइटेक जिम बनवाया है।
प्रतीक की हाईटेक जिम का इनॉगरेशन मुलायम ने किया था। उनका जिम यूपी के सबसे बड़े जिम में तौर पर भी जाना जाता है। पिता सुधर सिंह मुलायम को पहलवान बनाना चाहते थे, लेकिन पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के बाद उन्होंने नत्थूसिंह के परंपरागत विधान सभा क्षेत्र जसवंतनगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।
राम मनोहर लोहिया और राज नरायण जैसे समाजवादी विचारधारा के नेताओं की छत्रछाया में राजनीति का ककहरा सीखने वाले मुलायम 28 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने, जबकि उनके परिवार का कोई सियासी बैकग्राउंड नहीं था।
राजनीति में दांव पेंच से पहले मुलायम ने कुश्ती में दांव आजमाए थे। 1960 में मैनपुरी के करहल के जैन इंटर कॉलेज में एक कवि सम्मेलन चल रहा था। उस समय के मशहूर कवि दामोदर स्वरूप विद्रोही ने अपनी लिखी एक कविता सुनानी शुरू की। कविता थी दिल्ली की गद्दी सावधान।
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