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विधानसभा में गूंजा रायबरेली नरसंहार का मुद्दा, बसपा, सपा ने मांगा स्वामी प्रसाद का इस्तीफा
BY Suryakant Pathak11 July 2017 7:32 AM GMT

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Suryakant Pathak11 July 2017 7:32 AM GMT
रायबरेली में ब्राह्मण युवाओं की जघन्य हत्या पर उत्तर प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. इसकी गूंज योगी सरकार के पहले बजट सत्र में विधानसभा में भी सुनाई देने लगी है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को रायबरेली नरसंहार को लेकर बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने जमकर हंगामा किया. दोनों ही दलों ने इस जघन्य हत्याकांड को लेकर योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए.
साथ ही हत्याकांड में मारे गए युवकों को किराए का गुंडा कहने के बयान पर योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की मांग की. इस दौरान सपा सदस्य विधानसभा में धरने पर बैठ गए.
मामले में बसपा ने ऐलान किया है कि उसका एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र की अगुवाई में रायबरेली जाएगा. यहां वह पीड़ित परिवार से मिलेगा और उन्हें सांत्वना देने के साथ ही उचित न्यायिक सहयोग देने का आश्वासन देगा.
वैसे अपने इस बयान को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य विपक्ष ही नहीं अपनी ही पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ चुके हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था कि मारे गए गुंडे सपा विधायक मनोज पांडेय के इशारे पर बुलाए गए थे क्योंकि प्रधान राजा यादव पूर्व में सपा कार्यकर्ता था. विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी कार्यकर्ता हो गया.
मनोज पांडेय ने उसे सबक सिखाने के लिए गुंडों के बुलाया था. जो लोग मारे गए, वे किराए के गुंडे थे. उन पर अलग-अलग थानों में आपराधिक मामलों में केस दर्ज है. ग्रामीणों ने उन्हें पीट-पीटकर या जलाकर मार दिया. ये गुंडे प्रतपगढ़ और फतेहपुर से आए थे.
मामले में प्रदेश के विधि मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि मारे गए युवकों को अपराधी बताकर जांच को प्रभावित करना गलत है. संरक्षण देने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा. ऐसा करने वालों पर भी भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई का प्रावधान है.
बृजेश पाठक ने कहा कि यह पूरी तरह साबित हो चुका है कि मारे गए युवक अपराधी नहीं थे. उन्हें बुलाया गया, फिर उनकी जघन्य व निर्मम हत्या कर दी गई. जो लोग उन्हें अपराधी बता रहे हैं, वे जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.
उधर सोमवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्र ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा गुंडा कौन है, बदमाश कौन है, ये न्यायपालिका तय करती है. भारत का संविधान किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ नहीं लेने की इजाजत नहीं देता है.
दूसरी बात ये है कि रायबरेली में मारे गए किसी भी शख्स का आपराधिक इतिहास सामने नहीं आया है. मामले में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुआवजा दिया है, यही नहीं अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. सभी को जेल में डाल दिया गया है. उनके परिवारों को सुरक्षा भी दे दी गई है. अभिजात ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का ये बयान अपराध को संरक्षण देने वाला है.
उधर मामले में स्वामी प्रसाद के बयान पर ब्राहृमण महासभा ने भी राजधानी में जमकर विरोध प्रदर्शन किया. महासभा ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को पद से हटाने की मांग उठाई. वहीं मौके पर प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि आठ दिनों में कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेश स्तरीय आंदोलन छेड़ा जाएगा.
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