बरेली में सड़कों के गड्ढों की मरम्मत की पोल खोलती ये तस्वीर
BY Suryakant Pathak10 July 2017 3:43 AM GMT

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Suryakant Pathak10 July 2017 3:43 AM GMT
बरेली जिले के भोजीपुरा स्थित मकरंदापुर से गुजर रही सड़क की यह तस्वीर पूरे जिले में विकास कार्यों की हकीकत बयां कर रही है। आपको बता दें कि यह रोड भोजीपुरा ब्लॉक मुख्यालय के मकरंदापुर होते हुए रिठौरा तक जाता है। सड़क एक ओर जहां नैनीताल हाईवे को छूती है, वहीं दूसरी ओर पीलीभीत बाईपास पर खत्म होती है।
तस्वीर बता रही है कि प्रदेश सरकार को 15 जून को सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की जो रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजी गई, उसका हकीकत से कितना वस्ता है। हालांकि रिपोर्ट कार्ड में बरेली की ज्यादातर सड़कों को गड्ढा मुक्त दिखाकर यहां की सरकारी मशीनरी अव्वल नंबरों से पास हो गई।
अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार ने बरेली की सड़कों की मरम्मत के लिए बजट ही नहीं भेजा या फिर सरकारी मशीनरी ने इस तरह की सड़कों को ठीक करने की जहमत ही नहीं उठाई। लोगों का कहना है कि मकरंदापुर की सड़कों की मरम्मत के लिए हर उस अफसर और नेता के दरवाजे पर मत्था टेका गया, जिनसे उम्मीद थी लेकिन बात वही ढाक के तीन पात ही रही। हर तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिला। अब बरसात में ये और इन जैसी कई सड़कें जानलेवा हो गई हैं।
तो क्या सरकार का पूरा फंड सिर्फ पैचवर्क पर ही खपा दिया गया
मालूम हो कि योगी सरकार ने जब 15 जून तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का ऐलान किया तो बरेली के पीडब्ल्यूडी ने अपने क्षेत्र में पड़ने वाली 100 सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का प्लान बनाकर भेजा। इन सड़कों को चकाचक करने के लिए 102 करोड़ रुपये की मांग की गई। चूंकि प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री बरेल से ही हैं इसलिए यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि बजट में ज्यादा काट-छांट नहीं किया गया होगा। ऐसे में जो रकम भेजी गई, उससे किन सड़कों की मरम्मत हुई?
पीडब्ल्यूडी को नहीं दिखी आठ किलोमीटर लंबी यह सड़क
भोजीपुरा क्षेत्र के मकरंदापुर की जिस सड़क की हम बात कर रहे हैं, वह करीब आठ किलोमीटर लंबी है। सड़क पीपलसाना गांव के पास तालाब में तब्दील हो गई है। ताज्जुब की बात यह है कि एक ओर से नैनीताल हाईवे और दूसरी ओर से पीलीभीत रोड को छूने वाली यह सड़क पीडब्ल्यूडी के किसी भी अफसरों की नजर में नहीं आई। जबकि यह रोड दोहना टोल प्लाजा पर भी निकलती है।
1200 सड़कें हैं बरेली जिले में
आपको बता दें कि बरेली जिले में 1200 सड़कें हैं। इसमें से करीब 3000 किलोमीटर सड़क पीडब्ल्यूडी के अधीन है। बाकी सड़कों के रखरखाव का जिम्मा बरेली नगर निगम, बरेली विकास प्राधिकरण, निर्माण निगम, मंडी समिति, गन्ना विभाग, इरिगेशन डिपार्टमेंट, उत्तर प्रदेश स्टेट ब्रिज कारपोरेशन और अन्य लोकल सिविक बॉडी के हवाले है।
तो क्या 37% में बरेली की सड़कें भी आती हैं
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 16 जून को कहा था कि प्रदेश की 63 फीसदी सड़कें गड्ढा मुक्त हो गई हैं। उन्होंने बताया कि नौ सरकारी महकमों ने 1,21,034 किलोमीटर खराब सड़कों में से 76,356 किलोमीटर सड़कें गड्ढा मुक्त हो गई हैं। ऐसे में यह तो कहा ही जा सकता है कि अन्य 37 फीसदी जो सड़कें मरम्मत करने के नाम पर बची हैं, उनमें बरेली की सड़कों की लंबाई काफी ज्यादा है।
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