विवाह बंधन में बंधी रिवॉल्वर रानी, शिवसेना ने वादे को पूरा किया
BY Suryakant Pathak9 July 2017 3:25 PM GMT

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Suryakant Pathak9 July 2017 3:25 PM GMT
तमाम दुश्वारियों के बाद आखिरकार पिस्टल वाली प्रेमिका वर्षा अपने प्रेमी अशोक को हमसफर बनाने में सफल हो गई। पिछले 56 दिनों से प्रेमीयुगल के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग का रविवार को अंत हो गया।
मुख्यालय के चौरादेवी में दोनों ने मंत्रोच्चारण के बाद सात फेरे लिए। एक दूसरे को वर माला डाल जीवन साथी बन गए। इस शादी के गवाह वर्षा की मां व अशोक के दोस्त बने। शादी का कार्यक्रम शिवसेना नेता रतन ब्रह्मचारी ने कराया।
पिछले 15 मई की रात को बांदा निवासी प्रेमिका वर्षा ने मौदहा कोतवाली के भवानी गांव में शादी के मंडप में बैठे अपने प्रेमी अशोक को पिस्टल की दम पर अगवा कर लिया था। इस पर दूल्हे के पिता रामहेत ने वर्षा और बांदा निवासी अशोक के साथी राहुल पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन अशोक ने अपहरण जैसी घटना से साफ इंकार करते हुए अदालत में बयान देकर अपने पिता के अरमानों पर पानी फेर दिया।
बिरादरी के दवाब में 12 दिनों तक पंचायतें हुईं। लेकिन भवानी गांव के रामसजीवन सामाजिक बेइज्जती, बेटी भारती के दुल्हन बनने से वंचित होना बर्दाश्त नहीं कर सका। उसने दूल्हा अशोक, उसके पिता रामहेत, चाचा व भाई पर मुकदमा दर्ज करा दिया। तब पुलिस ने अशोक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। भारती को धोखा देने पर अशोक को पिछली 28 मई को जेल भेजा गया।
जिसमें बीते तीन जुलाई को उसकी जमानत हो गई। पिछली चार जुलाई को जेल से छूटे अशोक ने वर्षा से शादी करने की घोषणा कर दी थी। तब इन दोनों की पैरवी कर रहे शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष रतन ब्रहमचारी ने वर्षा और अशोक की गुरू पूर्णिमा पर करने की घोषणा की थी। रविवार को मुख्यालय में चौरादेवी मंदिर में प्रेमी अशोक व प्रेमिका वर्षा की शादी कराई गई। इस मौके पर शहर के सैकड़ों लोग शादी को देखने पहुंचे।
अशोक के साथ मंदिर में पहले भी वर्षा रचा चुकी शादी
शादी के मंडप से अशोक को अगवा कर ले जाने वाली वर्षा ने मंदिर में शादी करने की बात कही थी। वह किसी भी कीमत पर प्रेमी अशोक के साथ घर बसाना चाहती थी। इधर जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर निकले अशोक के साथ मौजूद शिवसेना नेता रतन ब्रह्मचारी ने प्रेमीयुगल की शादी धूमधाम से करने का वचन दिया था। उसी के इन दोनों की मंदिर में ही शादी करा दी।
एक दूजे के वरमाला डाल लिए सात फेरे
वर्षा ने अशोक के साथ मुख्यालय के चौरा देवी मंदिर में पहले वरमाला डाल अग्नि के सात फेरे लिए। इसके बाद अशोक ने वर्षा की मांग में सिंदूर भरा। दो घंटे चले इस वैवाहिक कार्यक्रम को मंदिर के पुजारी पंडित सुरेशचंद्र द्विवेदी ने सपन्न कराए।
वर पक्ष से नहीं आया कोई
जहां दोनों की शादी में शिवसेना के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। वहीं दुल्हन पक्ष की तरफ से कभी शादी का विरोध कर रही वर्षा की मां संतोषी व उसकी छोटी बहन मौके में मौजूद रही। वहीं वर पक्ष का कोई भी परिजन मौके पर नहीं रहा। अशोक के दोस्त उसकी हौसला अफजाई करते दिखे। शादी समारोह में जमकर भांगड़ा हुआ।
वर्षा की मां ने भी लगाए ठुमके
शादी कार्यक्रम में वर्षा की मां संतोषी के साथ खासी खुश दिखी। खुशी का इजहार करते हुए जहां संतोषी ने भागड़े में ठुमके लगाए। वहीं दोस्तों के साथ अशोक भी पिछले डेढ़ माह के दर्द को भूल भागड़े में झूमकर नाचा। अशोक के इस वैवाहिक कार्यक्रम में उसके कुछ निकटतम रिश्तेदार भी आए।
संगठन में पीड़ित महिलाओं को जोड़ेंगे
शादी के बाद वर्षा ने कहा कि महिलाओं के उत्पीड़न पर वह उनका साथ देगी। कहा कि उसने रिवाल्वर रानी एनजीओ बनाया है। कहा कि इस संगठन से पीड़ित महिलाओं को जोड़ा जाएगा और उनके लिए संघर्ष करेंगे।
शिवसेना ने वादे को पूरा किया
शादी कार्यक्रम में शिवसेना प्रदेश उपप्रमुख रतन ब्रह्मचारी ने अपने पदाधिकारियों के साथ इस समारोह में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कहा कि उन्होंने वर्षा को न्याय दिलाने में उसका साथ देने के वादे को पूरा किया। कहा किसी भी अबला के साथ अन्याय हो यह शिवसेना कतई बदौश्त नहीं करेगी।
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