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उत्तर प्रदेश

सीएम नीतीश को थी लालू के घर CBI रेड की जानकारी

सीएम नीतीश को थी लालू के घर CBI रेड की जानकारी
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प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने गुरुवार देर रात को ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के यहां सीबीआई छापे की सूचना दे दी थी। जांच एजेंसी ने शुक्रवार सुबह पटना समेत कई जगहों पर छापेमारी की।
कानून-व्यवस्था का डर बताया था : सरकारी अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने पीएमओ को सूचना दी थी कि उसे डर है कि लालू और उनके बेटे तेजस्वी के घरों और संपत्तियों पर छापेमारी के दौरान राजद समर्थक हंगामा और अव्यवस्था उत्पन्न कर सकते हैं। इसके बाद पीएमओ ने छापों के बारे में नीतीश को जानकारी दी।
इस घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी ने कहा कि जांच में शामिल सीबीआई अधिकारियों ने छापों के दौरान राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी। बिहार सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पीएमओ से सूचना मिलने की पुष्टि की है। अधिकारियों का कहना है कि उनसे किसी भी हिंसक प्रदर्शन से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया था।
अधिकारियों को तैयार रहने को कहा गया : बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें गुरुवार देर रात पूरी तरह तैयार रहने को कहा गया। हालांकि इसका कोई कारण नहीं बताया गया था लेकिन सुरक्षा इंतजाम की समीक्षा करने और भीड़ पर नियंत्रण के लिए तैयार रहने को कहा गया था। इन अधिकारियों ने यह बात नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताई।
नीतीश को बदनाम करने की साजिश : वहीं दूसरी ओर राज्यसभा सांसद और जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने ऐसी किसी जानकारी से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह नीतीश कुमार को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने पूछा कि क्या पीएमओ सीबीआई को चलाती जो उसे छापों के बारे में बताया गया। मुख्यमंत्री अस्वस्थ हैं और वह इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं देंगे। नीतीश गुरुवार दोपहर को राजगीर रवाना हुए थे। उनके कार्यालय ने इस यात्रा की कोई वजह नहीं बताई है।
विरोधी कह रहे, छापों की सूचना रहेगी होगी : बिहार के मुख्यमंत्री के राजनीतिक विरोधी उनके पटना से दूर रहने की दो वजह बता रहे हैं। एक कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार से मुलाकात से बचना और दूसरा संभवत: अपने गठबंधन सहयोगी पर छापों की पहले से जानकारी होना।
महागठबंधन में खटास की खबरें : वर्ष 2015 में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और लालू प्रसाद के राजद के साथ मिलकर महागठबंधन किया था। लालू के खिलाफ सीबीआई छापे ऐसे समय में पड़े हैं, जब राजद और जदयू के रिश्तों में खटास की खबरें अकसर सामने आ रही हैं।
महागठबंधन में दरार उस वक्त भी देखने को मिली जब जदयू ने राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की जगह एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का ऐलान किया। इसके अलावा नीतीश की पार्टी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की पूर्व संध्या में संसद में आयोजित समारोह का बहिष्कार करने से इनकार कर दिया। दो दिन पहले ही नीतीश ने विपक्ष के मतभेदों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था।
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