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उत्तर प्रदेश

हाईकोर्ट में नौ नए अपर न्यायाधीश, चार अपर महाधिवक्ता नियुक्त

हाईकोर्ट में नौ नए अपर न्यायाधीश, चार अपर महाधिवक्ता नियुक्त
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इलाहाबाद - उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट में नौ अपर न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है। न्यायाधीशों के कई पद लंबे समय से खाली चल रहे थे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार छह जुलाई को नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। सात जुलाई को सभी न्यायाधीश सवा तीन बजे शपथ ग्रहण करेंगे। नियुक्त सभी न्यायाधीश उच्च न्यायिक सेवा संवर्ग के हैं। हाईकोर्ट में नवनियुक्त न्यायाधीशों में महानिबंधक दिनेश कुमार सिंह व प्रमुख सचिव न्याय रंगनाथ पांडेय के अलावा अखिलेश चंद्र शर्मा, कृष्ण सिंह, राजीव लोचन मेहरोत्रा, महबूब अली, अनिरुद्ध सिंह, इफाकत अली खान व उमेश चंद्र त्रिपाठी शामिल हैं। रजिस्ट्रार प्रोटोकाल आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले शुक्रवार को अपने कोर्ट रूम में सवा तीन बजे नवनियुक्त न्यायाधीशों को शपथ दिलाएंगे। समारोह में हाईकोर्ट के अन्य सभी न्यायाधीश भी मौजूद रहेंगे। न्यायिक सेवा से नियुक्तियां हो गई हैं, लेकिन बार के सदस्यों के 20 नामों पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो सका है। इस नियुक्ति के साथ मुख्य न्यायाधीश सहित हाईकोर्ट में कुल 91 न्यायाधीश हो जाएंगे, फिर भी नौ पद खाली रहेंगे, ज्ञात हो कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुल 100 न्यायाधीशों के पद हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने चार और अपर महाधिवक्ताओं की नियुक्ति की है। अजीत कुमार सिंह व कृष्ण पहल इलाहाबाद प्रधान पीठ में तथा ज्योति सिक्का (मेहरोत्रा) व कुलदीप पति त्रिपाठी लखनऊ पीठ में नियुक्त किए गए हैं। दो नये अपर महाधिवक्ताओं की नियुक्ति हो जाने के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ में अब कुल छह अपर महाधिवक्ता हो गए हैं। हालांकि शासकीय अधिवक्ता व मुख्य स्थायी अधिवक्ता का पद अब भी खाली है। इस पर शीघ्र ही नियुक्ति होने की उम्मीद की जा रही है। अभी इन दोनों पदों का कार्यभार अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी संभाल रहे हैं।
अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह राज्य सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम के अलावा भारत सरकार के सीनियर अधिवक्ता हैं। इसके अलावा बीएचयू वाराणसी सहित कई नगर निगमों व प्राधिकरणों के भी स्थायी अधिवक्ता हैं। कृष्ण पहल अधिवक्ता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हैं। मूलरूप से मेरठ के निवासी पहल आपराधिक मामलों के जानकार हैं। लखनऊ खंडपीठ में नियुक्त हुए कुलपति पति त्रिपाठी बसंत बिहार इंदिरा नगर के निवासी हैं। वह पहले विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे हैं और भाजपा में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी रह चुके हैं। मानवाधिकार आयोग के प्रदेश संयोजक होने के साथ ही एसबीआइ, आइडीबीआइ बैंकों के भी अधिवक्ता रहे हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय, आचार्य नरेंद्र देव विश्वविद्यालय के अधिवक्ता रह चुके हैं और इस समय डा. राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय फैजाबाद के अधिवक्ता हैं। वहीं, ज्योति सिक्का (मेहरोत्रा) लखनऊ के सहारागंज निकट लाप्लास रोड की निवासिनी हैं। वह उन्नाव बीएसए की अधिवक्ता होने के साथ ही केंद्र सरकार के तमाम पैनलों में रही हैं। ज्योति व उनके परिजन लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं।
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