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ऑटो चलाकर गुजारा कर रहे हैं बुमराह के दादाजी, एक बार पोते को लगाना चाहते हैं गले...

ऑटो चलाकर गुजारा कर रहे हैं बुमराह के दादाजी, एक बार पोते को लगाना चाहते हैं गले...
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उत्तराखंड के उद्धम सिंह नगर जिले के रहने वाले बुमराह के दादाजी संतोक सिंह बुमराह ऑटो चला कर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं और वहां किराए के मकान में रहते हैं.संतोख सिंह ने जसप्रीत के बचपन की फोटो बहुत सहेज कर रखी है और वह उससे मिलना चाहते हैं. संतोख सिंह का कहना है कि जीवन के आखिरी पड़ाव में उनकी तमन्ना अपने पोते को गले लगाकर उसे प्यार करने की है और वह उसे छूकर आशीर्वाद देना चाहते हैं.
कभी गुजरात के अहमदाबाद मे बटवा इंडस्ट्रियल स्टेट में संतोख सिंह का जलवा था और वह मंहगी कारों और हवाई जहाज में सफर किया करते थे.अहमदाबाद में उनकी तीन फैक्ट्रियां, जेके इंडस्ट्रीज़, जेके मशीनरी इकोमेंट प्राइवेट लिमिटेड और जेके इकोमेंट थीं. इसके अलावा उनकी दो सिस्टर कंसर्न गुरुनानक इंजीनियरिंग वर्क्स और अजीत फैब्रीकेटर भी थीं. सारा कारोबार क्रिकेटर जसप्रीत के पिता जसवीर सिंह संभालते थे. वर्ष 2001 में बेटे की बीमारी से मौत से संतोख सिंह टूट गए और फैक्ट्रियां भी आर्थिक संकट से घिर गई. जिसके बाद उनकी मां परिवारिक दिक्कतों की वजह से घर से अलग हो गई थी.
आज उनका पोता देश का बड़ा क्रिकेटर बन गया है और जब वह अपने पोते जसप्रीत को टीवी पर तेज़ गेंदबाज़ी करते देखते है तो उनमें जवानी का जोश भर जाता है. उन्होंने उन्होंने कहा, 'कभी गोदी में खेलता उनका पोता आज देश के लिए खेल रहा है और वह क्रिकेट का चमकता सितारा बन गया है.
बुमराह ने 2016 ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की और जल्द ही अपने अंतिम के ओवेरों में लगातार योर्कर फेकने की काबिलियत की वजह से भारतीय टीम के प्रमुख गेंदबाज बन गए .
अपने डेब्यू वर्ष 2016 में ही बुमराह ने टी20 में सबसे ज्यादा 28 शिकार किए और आज टी20 गेंदबाजी रैंकिंग में वो दूसरे स्थान पर हैं.
आईपीएल 2014 में मुंबई इंडियंस ने जब बुमराह को 1.2 करोड़ों में खरीदा तो सभी को आश्चर्य हुआ पर अपनी योर्कर गेंदों से बुमराह ने सभी का दिल जीत लिया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
पोता भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा हो और उसके दादा का इस हालात में होना काफी दुख की बात है. आम लोगों की तरह आज तक संतोक सिंह ने जसप्रीत को सिर्फ टीवी पर ही खेलते हुए देखते पाते हैं.
संतोख सिंह ने कहा कि उनकी आखिरी ख्वाहिश अपने पोते क्रिकेटर जसप्रीत से मिलने की है चाहे इसके बाद भले ही मौत उन्हें गले लगा ले. उन्होंने कहा, अब वाहे गुरु मेरी अंतिम इच्छा पूरी कब करते है. मैं उसका मैं उसका इंतज़ार कर रहा हूं.
जसप्रीत बुमराह अंतरराष्ट्रीय मैचों और उनकी तैयारीयों में व्यस्त हैं और शायद वो अपने दादा के हालात से अनजान ही हैं.
उम्मीद की जा सकती है कि जैसे ही बुमराह को यह सब पता चले तो वो अपने दादा की मदद करेंगे.
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