भारत के पास भी होगी वो तकनीक जो दुनिया में सिर्फ दो देशों के पास है!
BY Suryakant Pathak5 July 2017 11:58 AM GMT

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Suryakant Pathak5 July 2017 11:58 AM GMT
नई दिल्लीः भारत और इज़रायल ज़मीन से दोस्ती की धरातल मजबूत करने के बाद अब दोनों देश अंतरिक्ष और साइबर सिक्योरिटी में भी अपनी दोस्ती को पक्का करने जा रहे हैं इसके लिए दोनों देशों के बीच चार समझौते होंगे.
भारत और इज़राइल नैनो सेटेलाइट तकनीक पर सहयोग कर रहे हैं जिसके बाद भारत एक साथ 100 से ज़्यादा सेटेलाइट अंतरिक्ष में अपने रॉकेट के ज़रिए भेज रहा है. इसके अलावा अब अंतरिक्ष मे सेटेलाइट का इस्तेमाल उन्नत तकनीक के साथ करने के लिए इज़रायल और भारत हाथ मिला रहे हैं ताकि सेटेलाइट के इस्तेमाल के दायरे को बढ़ाया जा सके. इसमें सेटेलाइट के ज़रिए भारत की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर ज़्यादा पैनी नज़र बनाये रखने में मदद मिलेगी.
अंतरिक्ष के क्षेत्र मे जो तीन समझौते होने हैं उनमे से सबसे महत्वपूर्ण समझौता OFEK रडार को लेकर है. OFEK दरअसल एक हाई रिजॉल्यूशन सिंथेटिक अपरचर रडार है जो ज़मीन पर छोटे से छोटे मूवमेंट का हाई रिजॉल्यूशन तस्वीरे और वीडियो तैयार करता है. जिसको ज़ूम करने पर इंसान की शक्ल भी पहचानी जा सकती है. ये रडार सीमा पर घुसपैठ और दुश्मन सेना के मूवमेंट पर नज़र रखने के लिए बेहद कारगर है. इस तकनीक के ज़रिए भारत अपने पड़ोसी देशों से सर्विलांस में ज़बरदस्त बढ़त बना लेगा. इस रडार को इज़रायल ऐयरो स्पेश बनाता है जो इसरो के साथ मिलकर भारत को तकनीक देगा
साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए इज़रायल एक आर्किटेक्ट मेकेनिज़्म तैयार करेगा. इसके तहत इज़रायल भारत को साइबर फ्रॉड रोकने के लिए और कड़ी लगाम लगाने के लिए स्ट्रांग फायर बॉल की तकनीक को भारत को देगा. इसके साथ ही व्हाट्सएप मेसेज को पढ़ने की तकनीक भी भारत को ट्रांसफर करेगा. फिलहाल व्हाट्सएप मेसेज को पढ़ने की तकनीक दुनिया मे सिर्फ दो देशों के पास ही है एक है अमेरिका और दूसरा है इज़राइल.
आपको बता दें कि व्हाट्सएप पर भ्रामक और झूठे मैसेज फैला कर समाज का माहौल बिगाड़ना आजकल आम बात हो चुकी है ऐसे में ये तकनीक काफी मददगार साबित होगी.
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