Janta Ki Awaz
उत्तर प्रदेश

समाधि में लीन ही रहेंगे आशुतोष महाराज, नहीं होगा अंतिम संस्कार

समाधि में लीन ही रहेंगे आशुतोष महाराज, नहीं होगा अंतिम संस्कार
X

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मशहूर संत और समाधि में लीन आशुतोष महाराज के शरीर को सुरक्षित रखने की अनुमति दे दी है। इससे उनके अनुयायियों में खुशी की लहर है। आज, बुधवार (05 जुलाई) को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त करते हुए दिव्य ज्योति जागृति संस्थान (डीजेजेएस) के प्रमुख के शरीर को संरक्षित करने का फैसला सुनाया। इससे पहले साल 1 दिसंबर 2014 को जस्टिस एमएमएस बेदी की सिंगल बेंच ने डीजेजेएस प्रमुख के शरीर का अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि आशुतोष महाराज क्लिनिकली डेड को चुके हैं। लिहाजा, उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाए। हाइ कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डीजेजेएस ने डबल बेंच में चुनौती दी थी और कहा था कि आशुतोष महाराज समाधि में लीन हैं और एक दिन वो इससे बाहर आएंगे। लिहाजा, उनका अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही हाईकोर्ट की डबल बेंच ने समय-समय पर आसुतोष महाराज के शरीर का मेडिकल टीम द्वारा निरीक्षण कराने का भी निर्देश दिया है। यह निरीक्षण लुधियाना के अस्पताल के डॉक्टों की टीम करेगी। संस्थान को इस निरीक्षण के लिए 50 लाख रुपये जमा कराने को कहा गया है।

मामले में पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट में दलील दी थी कि महाराज समाधि में हैं या मृत, यह तय करना सरकार का काम नहीं है। पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि इस विषय पर सरकार बिल्कुल तटस्थ है। यह आस्था और विश्वास का विषय है और सरकार का काम सभी की धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा करना है।

इसके अलावा हाईकोर्ट ने उस याचिका को खारिज दिया है जिसमें दिलीप कुमार झा नाम के एक शख्स ने खुद को आशुतोष महाराज का तथाकथित पुत्र बताया था और डीएनए टेस्ट की मांग की थी। कोर्ट ने झा को निर्देश दिया कि अगर आप डीएनए टेस्ट कराना चाहते हैं तो इसके लिए सिविल सूट दाखिल करना होगा। हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि सिविल सूट दाखिल करने की स्थिति में यदि आशुतोष महाराज के डीएनए सैंपल की जरूरत पड़ी तो दिव्य ज्योति जागृति संस्थान को उपलब्ध कराना होगा। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि सैंपल लेने में किसी भी तरह का हस्तक्षेप या व्यवधान न पैदा किया जाय।

Next Story
Share it