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आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक ही परिवार के चार लोगों ने खाया जहर, नहीं मिल रहा था सरकारी योजनाओं का लाभ
BY Suryakant Pathak4 July 2017 8:56 AM GMT

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Suryakant Pathak4 July 2017 8:56 AM GMT
कुशीनगर.जिले के अहिरौली इलाके एक ही परिवार के चार सदस्यों ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर जहर खा लिया। चीख पुकार सुनकर पहुंचे स्थानीय लोगों ने सभी लोगों को गोरखपुर मेडिकल कालेज भर्ती कराया। जहां पति और पत्नी की मौत हो गयी, जबकि दो बच्चे जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। दोनों बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
आर्थिक तंगी से था परेशान
-कप्तानगंज तहसील के जगदीशपुर बिचला टोले में पिंटू अपनी पत्नी चंदा दो बच्चों नसीम और अरबाज के साथ रहता था।
-बेहद गरीब इस परिवार के पास सिर छिपाने के लिए घर भी नहीं था किसी तरह झोपड़ी डालकर रहता था।
-पिंटू मेहनत मजदूरी करके किसी तरह से अपने परिवार का भरण- पोषण करता था।
-मजदूरी मिलती थी तो दो वक्त की रोटी मिलती थी नहीं तो पूरा परिवार भूखे सो जाता था।
जेठानी से हुआ था विवाद
-इस बात को लेकर पिंटू अक्सर तनाव में रहता था।
-कुछ दिन पूर्व चंदा का अपनी जेठानी से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था।
-गरीबी और फिर विवाद के कारण पिंटू का साहस जवाब दे गया और उसने पूरे परिवार के साथ मरने का भयानक फैसला ले लिया।
अस्पताल में हुई पति- पत्नी की मौत
-इसके बाद पिंटू ने अपने एक परिचित दुकानदार के पास जहर खरीदा और पत्नी चंदा के साथ मिलकर दोनों बच्चों को खिलाया और फिर पत्नी के साथ खुद भी जहर खा लिया।
-बच्चों के चीखने की आवाज सुनकर पड़ोसी घर में पहुंचे तब जाकर पूरा माजरा समझ में आया।
-इसके बाद लोगों ने चारों को गोरखपुर मेडिकल कालेज भर्ती कराया, जहां पिंटू और चंदा की मौत हो गई।
-जबकि अरबाज और नसीम जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे हैं।
नहीं मिल रहा था सरकारी योजनाओं का लाभ
-आर्थिक तंगी के कारण जहर खाने की घटना ने पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
-इस परिवार का ना तो राशन कार्ड बना था और ना ही मनरेगा का जाब कार्ड था।
-सावल यह उठता है कि सरकारी योजनाएं किसे मिल रही हैं जबकि उसके हकदार आत्महत्या करने को मजबूर हैं।
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