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सवालों के घेरे में एसिड अटैक पीड़िता, मेडिकल रिपोर्ट में नहीं हुई तेजाब फेंकने की पुष्टि
BY Suryakant Pathak4 July 2017 7:55 AM GMT

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Suryakant Pathak4 July 2017 7:55 AM GMT
लखनऊ के अलीगंज के हॉस्टल में रायबरेली की महिला पर एसिड फेंके जाने का मामले में एक नया मोड़ आ गया है. वहीं फोरेंसिक जांच, पुलिस और मेडिकल रिपोर्ट में एसिड नहीं फेंके जाने की पुष्टि हुई है. फिलहाल महिला का इलाज जीएमयू ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है.
इस मामले में पीड़ित महिला के पति ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.वहीं केजीएमयू के डॉक्टरों की रिपोर्ट में पाया गया कि रायबरेली की रहने वाली महिला 10 प्रतिशत ही जली है. जलने के कारण चेहरे की स्कीन सिकुड़ गई है. घाव की गहराई मामूली है. एसिड अटैक होने पर ऐसे घाव नहीं पाए जाते हैं.
वहीं डॉक्टरों की मानें तो यदि किसी पर एसिड अटैक होता है तो शरीर 10 प्रतिशत नहीं, बल्कि करीब 40 -50 प्रतिशत कम से कम जलती है, जबकि इस केस में ऐसा नहीं पाया गया है. एसिड शरीर के जिस भाग पर फेंका जाता है उसके दूसरी तरफ एसिड के छींटे पड़ते हैं. यह एसिड अटैक की पहचान है, जोकि महिला के शरीर पर मौजूद नहीं हैं.
गौरतलब है कि रायबरेली की रहने वाली इस महिला पर दूसरी बार तेजाब फेंक कर हमला हुआ. इस घटना में वह गंभीर रूप से झुलस गई है, उसे केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. घटना राजधानी के अलीगंज इलाके के गल्ला मंडी की थी. महिला पर पहले भी तेजाब फेंका जा चुका है.
इस मामले में रायबरेली पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं महिला अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है. बताया जा रहा है कि महिला के ऊपर यह तीसरा अटैक है. फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर लिया हैं.
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