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उत्तर प्रदेश

खनन माफियाओं की चूलें हिला देने वाला आईएएस ग़ाज़ीपुर का डीएम तो योगी सरकार के मंत्री की आँख का किरकिरी क्यों

खनन माफियाओं की चूलें हिला देने वाला आईएएस ग़ाज़ीपुर का डीएम तो योगी सरकार के मंत्री की आँख का किरकिरी क्यों
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यूपी में ट्रेनी आईएएस रहने के दौरान ही खनन माफियाओं की चूलें हिला देने वाला आईएएस आज ग़ाज़ीपुर का डीएम है तो योगी सरकार के मंत्री की आँख का किरकिरी बन गया। वजह कि मंत्री की हर सिफ़ारिश को वह अफ़सर आँख मूँदकर नहीं मान रहा। यह मंत्री कोई और नहीं बल्कि ओमप्रकाश राजभर हैं। जबकि आईएएस हैं संजय कुमार। मंत्री और डीएम के बीच पिछले कुछ दिनों से ठनी लड़ाई सियासी गलियारे में चर्चा-ए-ख़ास है।
खनन सिंडिकेट पर की छापेमारी
बतौर प्रशिक्षु अफसर जालौन में बसपा सरकार के कार्यकाल में उन्होंने खनन सिंडिकेट पर छापेमारी की थी। यह सिंडिकेट सीधे पॉन्टी चड्ढा से जुड़ा हुआ था। उस समय ऐसी कार्रवाई के बारे में किसी को उम्मीद तक नहीं थी। दरअसल खनन विभाग के कुछ अफसरों पर जपनद के खनन माफियाओं ने हमला किया था। इसके बाद कार्रवाई का नेतृत्व तत्कालीन डीएम राजशेखर ने संजय खत्री को सौपा। संजय ने जिस ठिकाने पर छापा मारा, वहां से हथियार और नकदी भारी मांत्रा में बरामद हुए थे। तमाम सिफारिशों और दवाबों के बावजूद संजय ने किसी तरह से अपने कदम पीछे नहीं खींचे।
मल्टीनेशनल कम्पनी का लुक देने की कोशिश बतौर झाँसी सीडीओ रहते हुए संजय ने विकास भवन को किसी मल्टीनेशनल कम्पनी का लुक देने की कोशिश की। उनके कार्यालय परिसर में कभी पान-गुटखा की पीक मुश्किल से ही दिखाई दी। गंदगी दिखने पर पूरे दफ्तर के कर्मचारियों के साथ सफाई अभियान छेड़ देते थे। विकास भवन में किसी कारपोरेट कम्पनी की तर्ज पर उन्होंने रिसेप्शनिष्ट की तैनाती कराई थी जो आगंतुकों को अफसरों और दफ्तरों की स्थिति की जानकारी देती थी।
मनरेगा और विकास कार्यों से जुड़े कई बड़े-बड़े भ्रष्टाचारों का भी खुलासा किया। कई ग्राम प्रधानों और अफसरों पर उनके कार्यकाल में केस भी दर्ज किये गए। कई के खिलाफ जांच कमेटी गठित की गई। कई जिलाधिकारियों के साथ बतौर सीडीओ काम करने वाले संजय खत्री को हमेशा चुनौती भरी जिम्मेदारियां निभाने को मिलती रहीं।
माफिया को खदेड़ लिया, भागा गाड़ी छोड़कर
लोकसभा चुनाव के दौरान झाँसी के मऊरानीपुर में एक स्थानीय दबंग माफिया को चुनाव में गड़बड़ी की सूचना मिलने पर इस अफसर ने खदेड़ लिया था। तब मऊरानीपुर का वह दबंग माफिया गाड़ी से कूदकर गलियों के रास्ते होकर भाग निकला था।
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