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उत्तर प्रदेश

वर्चस्व की लड़ाई में जीते मंत्री ओमप्रकाश राजभर, गाजीपुर के डीएम का तबादला

वर्चस्व की लड़ाई में जीते मंत्री ओमप्रकाश राजभर, गाजीपुर के डीएम का तबादला
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वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे सूबे के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर की अंतत: जीत हुई और गाजीपुर के डीएम संजय खत्री का तबादला कर दिया गया। मंत्री पिछले दो माह से डीएम पर नाराज चल रहे थे।
डीएम के तबादले को लेकर वह अपनी पूरी ताकत तक लगा चुके थे। लेकिन उनकी सिफारिश बेअसर साबित हो रही थी। इसकी वजह भाजपा के एक कद्दावर नेता को मना जा रहा है। ऐसे में डीएम का स्थानांतरण मंत्री के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनता जा रहा था। जिस कारण मंत्री ने अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने तथा अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया।
इसके बाद सियासी हलके में खलबली मच गई। लेकिन सोमवार को सीएम योगी ने ओमप्रकाश राजभर से बातचीत कर सरकार की किरकिरी होने से बचा लिया और चार जुलाई को जिले में होने वाले धरने को भी स्थगित करा दिया।
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर का डीएम संजय कुमार खत्री के खिलाफ रविवार को मुखर होने के बाद प्रशासनिक तथा राजनीतिक हलके में हलचल मच गई थी। इसी बीच पूरे दिन अफवाहों का दौर भी चलता रहा कि डीएम का स्थानांतरण हो गया।
काबीना मंत्री ओमप्रकाश राजभर तथा भासपा नेता पूरे दिन चर्चा में रहे। जिलाधिकारी को हटाने के लिए मंत्री पद से त्याग पत्र देने और सरकार के खिलाफ लड़ाई शुरू करने का मामला भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तथा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी तक पहुंचा।
इसके बाद पार्टी में खलबली मच गई। इसके बाद सीएम योगी ने ओमप्रकाश राजभर को लखनऊ बुलाया। सोमवार की दोपहर लंबी वार्ता के बाद सब कुछ सामान्य हो गया। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर ने बताया कि हम लोग आम जनता को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
डीएम से 17 उचित काम करने की सिफारिश की गई थी, लेकिन उनमें से एक भी काम नहीं किए गए। ऐसे में उनकी लड़ाई अपनी सरकार के लिए नहीं, बल्कि डीएम के खिलाफ है। ऐसे जिलाधिकारी को जनपद में रहने का अधिकार नहीं है।
काबीना मंत्री की पूरी बात सुनने और जानने के बाद सीएम ने जिलाधिकारी को तत्काल प्रभाव से हटाने के साथ ही उनके द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जांच करने का आदेश दिया है। सीएम द्वारा डीएम का स्थानांतरण करने की कार्रवाई को भासपा खुद की जीत मान रही है। डीएम के तबादले के बाद मंत्री ओमप्रकाश राजभर द्वारा चार जुलाई को किया जाने वाला धरना स्थगित कर दिया गया है।
कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बताया कि सोमवार की दोपहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई। मैंने सारे मामलों को एक-एक कर बताया। सीएम ने इसे गंभीरता को लेते हुए 19 में से 17 मांगों को तत्काल मान लिया। जबकि दो मांगों पर विचार चल रहा है।
कहा कि मेरे द्वारा जिलाधिकरी को तत्काल हटाने, भासपा के जिलाध्यक्ष रामजी राजभर पर लगे आपराधिक मुकदमों को तत्काल वापस लेने, लेखपाल को निलंबित करने को कहा गया। जिसे मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दे दी है। कहा कि हमारी मांगे पूरी हो गई हैं। इसलिए चार जुलाई को प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया गया है।
भासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने सभी ब्लाक प्रमुखों, ग्राम प्रधानों और सामाजिक संगठनों के पति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस लड़ाई में हमारा साथ देने के लिए हम उनके आभारी हैं। भविष्य में भी हम जनता के हितों की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
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