केशव मौर्य की अगुआई में भाजपा उत्तर प्रदेश में लड़ेगी निकाय चुनाव
BY Suryakant Pathak3 July 2017 7:25 AM GMT

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Suryakant Pathak3 July 2017 7:25 AM GMT
भारतीय जनता पार्टी में दो फाड़ है एक लॉबी उत्तर प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए पूरी ताकत से जुटी है लेकिन, यह संभावना बन रही है कि निकाय चुनाव केशव प्रसाद मौर्य की अगुआई में ही पार्टी लड़ेगी।
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में रामनाथ कोविंद को मौका देकर भाजपा दलित कार्ड खेल चुकी है, इसलिए अब पिछड़ों पर ही केंद्रित होने की योजना है।
उत्तर प्रदेश में 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिका परिषदों और 438 नगर पंचायतों के महापौरों/अध्यक्षों के अलावा करीब 11 लाख पार्षदों के चुनाव होने हैं। महानगरों और कस्बों में पिछड़ों का वर्चस्व बढ़ा है। भाजपा ने महानगरों में तो सपा के जमाने में भी ठीक प्रदर्शन किया लेकिन, नगर पालिका और नगर पंचायतों में वह बात नहीं रही। विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने की वजह से अब भाजपा के सामने निकाय चुनाव में बड़ी सफलता हासिल करने की चुनौती है।
इस लिहाज से भाजपा को पिछड़े वर्ग का नेतृत्व बनाए रखने पर सोचना पड़ रहा है। शायद यही वजह है कि भाजपा में नए अध्यक्ष की ताजपोशी का मसला ठंडे बस्ते में चला गया है। इसके पहले सत्ता परिवर्तन के संघर्ष में जुटी भाजपा ने केशव को अध्यक्ष बनाकर पिछड़ा कार्ड खेला था। भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत का सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के चुनावी प्रबंधन को गया लेकिन, पिछड़ा कार्ड को भी एक मजबूत समीकरण के रूप में जोड़ा गया। इस वजह से पिछड़ा समीकरण भाजपा को मुफीद लग रहा है। संभव है कि केशव की जगह किसी और पिछड़े नेता को अवसर मिल जाए।
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