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उत्तर प्रदेश

मोदी की चाल से भरभराई विपक्षी एकता- नीतीश, शरद पवार के बाद एसपी-बीएसपी नेता जीएसटी लॉन्च में साथ

मोदी की चाल से भरभराई विपक्षी एकता- नीतीश, शरद पवार के बाद एसपी-बीएसपी नेता जीएसटी लॉन्च में साथ
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एक सप्ताह पहले (22 जून को) राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर विपक्षी 17 पार्टियों के नेता अपनी जिस अटूट दोस्ती का पैगाम देशवासियों को दे रहे थे, वो महज एक सप्ताह ही कायम रह सकी। जीएसटी लॉन्चिंग के मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित विशेष कार्यक्रम में विपक्षी एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, जेडीएस अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव समेत बसपा और सीपीएम के नेता भी शामिल हुए। जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही जीएसटी लॉन्चिंग प्रोग्राम में शामिल होने पर सहमति दे चुके थे।
हालांकि, कांग्रेस, राजद, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके और अन्य वामदलों ने इसका बहिष्कार किया लेकिन रात होते-होते तेलंगाना राष्ट्र समिति और बीजू जनता दल के नेता भी आधी रात को आयोजित समारोह में संसद जा पहुंचे। बता दें कि महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस में गठबंधन है। इसके अलावा बिहार में जेडीयू-राजद और कांग्रेस में गठबंधन की सरकार है। बाबजूद इसके एनसीपी प्रमुख शरद पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले के साथ इस समारोह में पहुंचे थे। उन्हें अगली पंक्ति में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ बिठाया गया था। समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव को भी अगली पंक्ति में बैठाया गया था। इससे पहले सपा ने इस समारोह का बहिष्कार करने का एलान किया था। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के साथ बैठाया गया था।
विपक्षी दलों के बीच एकता भंग होने के पीछे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि कांग्रेस ने इस समारोह का बहिष्कार करने की सूचना ऐसी घड़ी में दी जब हमारे नेता उसमें शामिल होने का एलान कर चुके थे। इसी तरह जेडीएस नेता ने भी कांग्रेस पर देर से फैसले लेने का आरोप लगाया है। इसके अलावा शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी जीएसटी का समर्थन शुरुआत से ही करती रही है। लिहाजा, अब किस वजह से उसका विरोध करती।
बता दें कि पिछले 22 जून को सभी विपक्षी दलों ने मीरा कुमार को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया था। तब सभी दलों ने नीतीश कुमार पर विपक्षी एकता तोड़ने का आरोप लगाया था। माना जा रहा है कि जीएसटी लॉन्चिंग समारोह में शामिल होने के लिए मोदी सरकार ने तमाम बड़े विपक्षी नेताओं को निमंत्रण भेजा था और उनसे सरकार के मंत्री ने व्यक्तिगत तौर पर भी अनुरोध किया था।
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