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सपा को जवाब देने के लिए था श्वेतपत्र.....तो क्या राष्ट्रपति चुनाव के चलते नही जारी किया
BY Suryakant Pathak28 Jun 2017 4:32 PM GMT

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Suryakant Pathak28 Jun 2017 4:32 PM GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार के 100 दिन पूरे होने पर उपलब्धियां तो गिनाईं लेकिन श्वेतपत्र जारी नहीं किया। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर सरकार रणनीति के तहत श्वेतपत्र जारी करने से पीछे हट गई।
मुख्यमंत्री ने सरकार के 100 दिन पूरे होने पर विभागों की उपलब्धियां गिनाने और पिछली अखिलेश यादव सरकार के पांच साल के काम पर श्वेतपत्र लाने की बात कही थी। शासन ने सभी विभागों को श्वेतपत्र तैयार करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए थे।
इसमें विभागों को यह बताना है कि उनके विभाग को पांच साल में कितनी रकम मिली? उसका कितना हिस्सा खर्च किया? उसकी भौतिक प्रगति कितनी रही? यह भी बताना था कि योजनाओं का 'आउटकम' क्या तय था और क्या प्राप्त हुआ? इससे सपा सरकार के तमाम दावों की असलियत सामने आनी तय थी।
श्वेतपत्र तैयार करने की डेडलाइन भी तय की गई थी और तय समय पर यह बनकर तैयार भी हो गया, लेकिन फिलहाल जारी न करने पर सहमति बनी।
जानकार बताते हैं कि मुख्य विपक्षी दल सपा ने योगी सरकार के कामकाज पर महीने भर के भीतर ही तीखी बयानबाजी शुरू कर दी थी। यह श्वेतपत्र सपा के हमले की धार कुंद करने के लिए हथियार के रूप में होता।
पर, राष्ट्रपति चुनाव ने सरकार को कदम पीछे खींचने को मजबूर कर दिया। बताया जाता है कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टियों का व्हिप लागू नहीं होता है। दलों के सांसद और विधायक अंतरात्मा की आवाज पर वोट दे सकते हैं। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को अच्छा प्रत्याशी बता चुके हैं और उनसे अपने बेहतर संबंधों का हवाला दे चुके हैं।
भाजपाई खेमे में यह संकेत लगातार मिल रहे हैं कि चुनाव में कई विपक्षी सदस्यों का भी समर्थन मिल सकता है। श्वेतपत्र जारी होने से ऐन चुनाव के मौके पर मुख्य विपक्षी दल से तल्खी बढ़ने की संभावना नजर आ रही थी। लिहाजा, सरकार ने श्वेतपत्र जारी करने का विचार फिलहाल टाल दिया।
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