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महागठबंधन में भारी दरार, क्या राष्ट्रपति चुनाव के बाद गिर जाएगी बिहार सरकार
BY Suryakant Pathak28 Jun 2017 2:06 PM GMT

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Suryakant Pathak28 Jun 2017 2:06 PM GMT
बिहार की महागठबंधन सरकार में पड़ी दरार की खाई दिनोंदिन और चौड़ी होती जा रही है। भले ही महागठबंधन में शामिल दलों के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से लगातार एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी न करने की नसीहत दिए जा रहे हों, लेकिन हकीकत ये है सरकार में शामिल दलों के प्रमुख नेता आज इस गठबंधन के भविष्य को लेकर खुद ही सशंकित दिख रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ, राजनीतिक जानकारों की राय मानें तो इस गठबंधन का टूटना लगभग तय है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कितने दिनों का मेहमान है ये महागठबंधन?
रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर नीतीश कुमार की तरफ से अपना समर्थन देने के बाद जिस तरह राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए बयानों की बौछार कर दी, उससे तिलमिलाए जेडीयू को भले ही लालू यादव की तरफ से अपने पार्टी नेताओं को नसीहत देने के बाद राहत मिली हो। लेकिन हकीकत ये है कि अगर अब इससे ज्यादा कुछ भी हुआ तो आर-पार हो जाएगा।
जेडीयू नेता अजय आलोक ने बताया कि फिलहाल पूरे मामले से पटाक्षेप हो गया है। महागठबंधन के शीर्ष नेतृत्व ने अपने पार्टी नेताओं को बयानबाजी न करने की सख्त हिदायत दी है। लेकिन, वह मानते हैं कि राज्य के मुख्यमंत्री और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ ऐसी बयानबाजी ठीक नहीं है। अजय आलोक ने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि अब आगे कोई ऐसी बयानबाजी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि आज बिहार में महागठबंधन में तीन ही बड़े नेता हैं, जिनके बयान का कुछ मतलब है और वो हैं- सोनिया गांधी, नीतीश कुमार और लालू यादव। बाकी किसी के बयान का कोई मतलब नहीं है।
जबकि, पिछले कई दिनों से महागठबंधन में जारी रस्साकशी के बाद राजद की तरफ से अपने एक नेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बाद खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू के अन्य नेताओं ने मीडिया के सामने आकर उन अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है, जिसमें महागठबंधन के भविष्य को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे।
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जदयू के समर्थन देने पर महागठबंधन में मचे सियासी घमासान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक लहजे में कहा, हमने जनता की सेवा का कमिटमेंट किया है। चाहे जितनी आफत आए हम पीछे नहीं हटेंगे। बुधवार को 'जमायत ए हिंद' की ओर से अंजुमन इस्लामिया हॉल में आयोजित ईद मिलन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हम समाज को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। यह काम अकेले संभव नहीं है। तो वहीं, केसी त्यागी ने बताया कि बिहार में हमारा गठबंधन काफी मजबूत है। राष्ट्रपति चुनाव पर अलग विचारों का वहां की सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक उनके इस बयान को संदेह भरी निगाहों से देख रहे हैं।
दरअसल, बिहार में महागठबंधन के अंदर जो बवाल मचा है उस पर भले ही कुछ दिनों के लिए विराम लग जाए लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह एक अवसरवादिता का गठबंधन है, जिसका टूटना करीब तय है।
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