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अखिलेश राज में 23 लाख से ज्यादा बच्चों ने छोड़ा स्कूल, योगी सरकार ने उठाया ये कदम
BY Suryakant Pathak28 Jun 2017 11:30 AM GMT

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Suryakant Pathak28 Jun 2017 11:30 AM GMT
उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले पांच साल में कक्षा 1 से आठ तक के कुल 23 लाख से ज्यादा बच्चों ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया. योगी सरकार अब ड्रॉप आउट के इस आंकड़े को लेकर बेहद गंभीर दिखाई दे रही है.
जुलाई से शुरू हो रहे नए सत्र में पूरी सरकारी मशीनरी के साथ जन प्रतिनिधियों की ताकत झोंकने की तैयारी है. कोशिश है कि एक भी बच्चा स्कूल जाने से न रह जाए.
इस समस्या को लेकर न्यूज 18 ने प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल से बात की. उन्होंने माना कि समस्या हमारे सामने है और इससे हमें कोई इंकार भी नहीं है. उन्होंने कहा कि लेकिन इस बार हमने स्कूल चलो अभियान में सिर्फ औपचारिकता नहीं प्रभावी रूप से काम करने की रणनीति बनाई है. इस अभियान में मैं खुद लगूंगीं. हम प्रभात फेरी निकालेंगे, प्रदेश के अन्य मंत्रियों और जन प्रतिनिधियों से भी गुजारिश की गई है वे भी इस अभियान में लगेंगे.
इस अभियान को लेकर हम कितना गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जहां भी हमारी आवश्यकता हो, फौरन बताइए. वह खुद पहुंचेंगे.
इस अभियान में बेसिक शिक्षा के तमाम अधिकारी और कर्मचारी भी लगेंगे.
इसके तहत हमारा घर-घर संपर्क करने की भी योजना है. हमने हाउसहोल्ड सर्वे भी कराया है, इसके तहत हमें जहां भी लगेगा कि इस इलाके से बच्चे नहीं आ रहे हैं या कोई परेशानी है तो वहां पहुंचकर समस्या का निदान किया जाएगा.
बच्चों के स्कूल छोड़ने के कारणों पर बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि गरीबी एक अहम कारण है. उन्होंने कहा कि एक जगह मैं खुद गई तो बच्चे गेहूं कटाई के लिए गए हुए थे. हमने उनके परिवारवालों को समझाया, तब जाकर बच्चे वापस स्कूल जाने लगे.
अनुपमा जायसवाल ने कहा कि हम बच्चों को खाना, कॉपी किताब, यूनिफॉर्म आदि दे रहे हैं, इसके बाद भी बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं, इसमें कहीं न कहीं हमारी ही कमी है. मैं स्वीकार करती हूं. लेकिन तीन महीने का समय हुआ है. हम लगातार कोशिश कर रहे हैं.
अभी तक स्कूल बंद थे तो हमने उस लिहाज से अपना प्रयास किया. अब स्कूल खुल रहे हैं तो प्रयास और किया जाएगा. हमारी नीति और नीयत दोनों सही हैं, इसलिए मुझे पूरी उम्मीद है कि सुधार जरूर होगा.
प्राथमिक स्कूलों से सबसे ज्यादा ड्रॉप आउट
प्रदेश में सरकारी स्कूलों से बच्चों के मोहभंग होने के आंकड़ों पर नजर डालें तो समस्या का अंदाजा लगाया जा सकता है. 2012-13 के सत्र में कक्षा 1 से 5 तक के प्राथमिक विद्यालयों में कुल एक करोड़ 34 लाख 12 हजार बच्चों का नामांकन था, यह पांच साल बाद घटकर 1 करोड़ 16 लाख 93 हजार नामांकन तक आ गया. यानी करीब 18 लाख से ज्यादा बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया.
वहीं अगर कक्षा 5 से आठ तक के उच्च प्राथमिक विद्यालयों की बात करें तो 2012-13 के सत्र में 40 लाख 81 हजार बच्चों का नामांकन हुआ, यह संख्या 2016-17 में घटकर 35 लाख 38 हजार नामांकन रह गई. यानी करीब 5 लाख से ज्यादा बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया.
एक जुलाई से शुरू हो रहा अभियान
सरकार 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए 1 से 15 जुलाई तक खूब पढ़ो, आगे बढ़ो और 1 जुलाई से 31 जुलाई तक स्कूल चलो अभियान शुरू करने जा रही है. दोनों अभियानों में सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाकर बच्चों को स्कूल को भेजना सरकार और विभाग के लिए चुनौती है.
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