अंकल! आपकी पुलिस को रिश्वत चाहिए, मेरा गुल्लक ले लीजिए
BY Suryakant Pathak28 Jun 2017 5:19 AM GMT

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Suryakant Pathak28 Jun 2017 5:19 AM GMT
मेरठ : पांच साल की मानवी की उम्र फिलहाल फरियादी बनकर आइजी ऑफिस में जाने की नहीं है। मानवी की मां उसे छोड़कर जा चुकी है। जिन लोगों की वजह से मां ने मौत को गले लगाया, वो पुलिस की मेहरबानी से खुली हवा में सांस ले रहे हैं। नाना ने मानवी को बताया कि उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस रिश्वत मांग रही है। आखिर मानवी करती क्या?मां ने जो गुल्लक दिलाया था, उसे ही देने के लिए नाना के साथ आइजी ऑफिस पहुंच गई।
ये है मामला: 29 अप्रैल को मानवी की मां सीमा कौशिक ने गंगानगर स्थित मायके में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सीमा पिछले चार साल से मायके में रह रही थी। मायका पक्ष ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए पति संजीव, सास, ससुर व देवर के खिलाफ गंगानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इससे पहले भी दहेज उत्पीड़न व कचहरी में जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था।
जा चुके हैं जेल: हत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में सीमा के पति संजीव को पुलिस जेल भेज चुकी है। ससुर रामभूल और देवर दीपक को पूछताछ के बाद छोड़ दिया। पुलिस का तर्क है कि आत्महत्या में उनकी संलिप्तता नहीं है। सीमा के पिता शांति स्वरूप कौशिक अक्सर थाने पहुंचकर आरोपियों की धरपकड़ की मांग कर रहे हैं। शांति स्वरूप का कहना है कि गंगानगर पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनसे खर्च मांग रही है। खर्च नहीं देने पर आरोपियों को गिरफ्तार करने से इन्कार कर दिया।
जब मानवी ने मोर्चा संभाला: मंगलवार सुबह 11.30 शांति स्वरूप कौशिक अपने साथ सीमा की बेटी मानवी को लेकर आइजी ऑफिस पहुंच गए। मानवी ने आइजी रामकुमार वर्मा के सामने गुल्लक रख दिया और बोली-आइजी अंकल ये पैसे ले लीजिए, मेरी मम्मी के कातिलों को गिरफ्तार करा दीजिए। यह सुन आइजी भी हैरत में पड़ गए।
निष्पक्ष जांच का भरोसा: उन्होंने एसएसपी जे रविंदर गौड को बुला लिया। बच्ची और उसके नाना को विस्तार से समझाया। उन्हें निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया। एसएसपी ने कहा कि रिश्वत मांगने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी होगा उसे जेल भेजा जाएगा।
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