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रिपोर्ट में दावा- जल्द हो सकता है लालू यादव और नीतीश कुमार के 'महागठबंधन' का अंत
BY Suryakant Pathak27 Jun 2017 2:00 PM GMT

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Suryakant Pathak27 Jun 2017 2:00 PM GMT
बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंधी को रोकने के लिए बिहार की राजनीति दो दिग्गज नेता और कभी धुर विरोधी रहे नीतीश कुमार और लालू यादव ने हाथ मिलाया और कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन किया। महागठबंधन के आगे बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन महागठबंधन में काफी समय से दरार पड़ने की खबरें आ रही हैं। अब दावा किया गया है कि जल्द की महागठबंधन टूट जाएगा और नीतीश तथा लालू अलग-अलग राह अपना लेंगे। न्यूज 18 के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, आरजेडी सुप्रीमो तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लालू से गठबंधन तोड़ने को तैयार हैं। साथ ही जल्द ही इसका ऐलान होने की बात कही जा रही है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लालू और उनके परिवार के ऊपर लग रहे आरोपों और इनकम टैक्स विभाग ताथ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की जा रही कार्रवाइयों के चलते नीतीश ने खुद को लालू से अलग कर लेने का फैसला किया। हालांकि इस तरह की बातें पहले भी कई बार सामने आ चुकी हैं। जिसके बाद दोनों नेताओं की ओर से सफाई दी जा चुकी है कि गठबंधन में सब-कुछ ठीक है। न्यूज 18 ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि नीतीश कुमार लालू को कुछ और समय देना चाहते थे लेकिन लालू के बीजेपी से समझौते के प्रयासों के चलते ऐसा नहीं होगा। गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है, क्योंकि कुल 243 सदस्यीय विधानसभा में कुल पास 71 सीटें है। जबकि लालू के पास 80 और बीजेपी के खाते में 53 सीटें हैं।
बता दें कि लालू के परिवार पर कथित तौर पर बेनामी संपत्ति एकत्र करने का आरोप है। लालू की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती के साथ-साथ बेटे तथा बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर भी इस मामले की आंच आई है। हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने लालू के परिवार से जुड़ी कुछ संप्पतियों को अटैच किया था। अटैच की कार्रवाई उस समय की गई जब विभाग द्वारा बार-बार बुलाए जाने पर मीसा भारती और उनके पति शैलेश हाजिर नहीं हुए। इसके अलावा लालू के बड़े बेटे और नीतीश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव पर भी भारत प्रेट्रोलियम की ओर से कार्रवाई करते हुए उनके पेट्रोल पंप का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। इसके अलावा राष्ट्रपति चुनाव में भी जेडीयू और आरजेडी के बीच समर्थन को लेकर अलग-अलग रुख अपनाया। नीतीश कुमार की पार्टी जहां एनडीए के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद का समर्थन कर रहा है, वहीं आरजेडी यूपीए की उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन में है।
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