रिपोर्ट कार्ड शानदार, 100 दिनों में ही नई कार्य संस्कृति दिख रही
BY Suryakant Pathak27 Jun 2017 9:34 AM GMT

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Suryakant Pathak27 Jun 2017 9:34 AM GMT
योगी सरकार के 100 दिन के कामकाज को बेहद शानदार बताया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि सरकार ने कृषि से लेकर शिक्षा, कानून व्यवस्था, चिकित्सा समेत तमाम अन्य क्षेत्रों में बेहतरीन काम किए हैं.
पिछले 14 सालों से भ्रष्टाचार और गुंडाराज से जूझ रहे यूपी में महज 100 दिनों के भीतर एक नई तरह की कार्यसंस्कृति और बदलाव देखने को मिल रहा है और इसके सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं.
उन्होंने कहा कि 100 दिन का वक्त बहुत कम होता है लेकिन इसमें भी यूपी सरकार ने बेहतरीन काम करके और अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करके साबित कर दिया है कि वो ईमानदार नीति और नीयत के साथ काम कर रही है.
शलभ ने उम्मीद जताई कि अगले कुछ दिनों में इसके और बेहतर नतीजे सामने आएंगे. सरकार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ये जनता के आशीर्वाद का ही नतीजा है कि प्रदेश में अब एक ऐसी सरकार काम कर रही है जो जनता को पूरी तरह समर्पित है.
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पहले ही दिन से संकल्प पत्र के वायदे पूरे करने के काम में जुट गई है. इसी के तहत पहली ही कैबिनेट में किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया गया, इतना ही नहीं गेहूं खरीद में भी सरकार ने रिकार्ड खरीद कर और गन्ना खरीद का तुरंत भुगतान कर संकल्प पत्र के वायदों को पूरा करने का काम किया.
एंटी रोमिया स्क्वायड का गठन, एंटी भूमाफिया स्क्वायड का गठन भी संकल्प पत्र के वायदे के मुताबिक ही किया गया है. योगी सरकार ने बिना भेदभाव के हर जिले में पर्याप्त बिजली और बेहतर कानून व्यवस्था देने का भी काम कर रही है.
भर्तियों के काम को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए ही सरकार ने नौकरियों से इंटरव्यू खत्म करने का भी फैसला ले लिया है. पिछली सरकारों के दौरान प्रदेश की जेलों को अपनी ऐशगाह बनाने वाले माफियाओं का जेल ट्रांसफर करके योगी सरकार ने माफियाओं की नकेल कस दी है.
भ्रष्टाचार के तमाम मामलों में सीबीआई जांच की सिफारिश कर सरकार ने ये साबित किया है कि वो जनता की गाढी कमाई लूटने वाले बेईमानों को कड़ी सजा दिलाने जा रही है. शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि बीजेपी सरकार आने के बाद से अफसर वक्त से दफ्तरों में पहुंचने लगे हैं जबकि अध्यापक और चिकित्सक अस्पतालों में. अफसरों को बिना किसी दबाव और राजनीतिक हस्तक्षेप के काम करने का अवसर मिल रहा है. जनता की सुनवाई होने लगी है.
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