देश की सुरक्षा पिंजरे में रहकर नहीं हो सकती है: एनआइए डीआइजी
BY Suryakant Pathak27 Jun 2017 8:09 AM GMT

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Suryakant Pathak27 Jun 2017 8:09 AM GMT
गोरखपुर : जिस कश्मीर घाटी में गोलियां चलती हैं वहां पत्थरबाजी करने वालों का कोई मतलब नहीं है। ऐसा करने वाले रिटायर्ड टाइप के लोग हैं। हर डायग्नोसिस का एक ट्रीटमेंट होता है, आतंकवाद की बीमारी का हमारे जवान बेहतर इलाज कर रहे हैं।
ये बातें आतंकी गाजी बाबा को मार गिराने वाले एनआइए के डीआइजी नरेंद्र नाथ धर दुबे ने कहीं। वह अपने बहनोई शहीद साहब शुक्ला के अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे थे। संसद हमले के आरोपी कुख्यात आतंकवादी गाजी बाबा को एनकाउंटर में मार गिराने वाले एनआइए अफसर एनएनडी दुबे ने फौजियों की शहादत पर कहा कि हमारे जवानों के हौसले इस समय बुलंद हैं। आतंकियों को वह रोजाना सबक सिखा रहे हैं। इस घटना को ही देखें तो घायल जवान अभी अस्पताल भी नहीं पहुंचे थे कि जवानों ने बदला लेते हुए दोनों आतंकियों को ढूंढकर मार गिराया।
मई से अक्टूबर के बीच घाटी में आतंकियों की गतिविधियां थोड़ी तेज हो जाती हैं। कुछ आतंकी सीमा पार कर हमारे कश्मीर में घुस आए हैं, जो अपनी मौजूदगी जताने के लिए ये सब करते हैं। काउंटर टेरेरिज्म आपरेशन पर हमारी फौज बेहतरीन काम कर रही है। बिना कीमत चुकाए कुछ हासिल नहीं होता है, शहीद का दर्जा और सम्मान भी इसी से जुड़ा है। सीमा पर तैनात जवानों पर हर वक्त खतरा रहता है। 360 डिग्री पर गोली कहीं से भी चल सकती है। देश की सुरक्षा पिंजरे में रहकर नहीं हो सकती है। इसके लिए बाहर तो आना ही पड़ता है। शहीद का ऐसा राजकीय सम्मान युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत का काम करता है। पहले के मुकाबले सरकार अब जवानों के बारे में ज्यादा ध्यान दे रही है।
रोंगटे खड़ी कर देती हैं वीरगाथाएं
एनआइए अफसर एनएनडी दुबे ने कहा कि हमारे देश में ऐसी-ऐसी वीरगाथाएं हैं जो रोंगटे खड़ी कर देती हैं। दो दिन पहले ही मैं तवांग में शैला पाश की पहाडिय़ों पर गया था। इसी पहाड़ी पर हमारे एक वीर सिपाही जसवंत सिंह रावत ने 72 घंटे तक अकेले ही पूरे चीनी फौज को रोककर रखा था। तीन दिनों तक वह अकेले ही घूम-घूम कर फायर करते रहे। चीनी सैनिकों को लगता था कि इस तरफ पूरी बटालियन खड़ी है। शैला और नूरी नाम की दो जनजातियां लड़कियां उन्हें मैग्जीन उपलब्ध कराती थीं। खाना लेकर जा रहे उसके पिता को चीनी सैनिकों ने पकड़ा तब जाकर पता चला कि वहां तो अकेला ही एक सिपाही लड़ रहा है। इस वीर सपूत को हमारी सरकार ने महावीर चक्र से सम्मानित किया तो चीन सरकार ने भी उनका सम्मान किया था।
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