खतरे में लालू-नीतीश कुमार का महागठबंधन?
BY Suryakant Pathak26 Jun 2017 12:04 PM GMT

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Suryakant Pathak26 Jun 2017 12:04 PM GMT
नई दिल्लीः आरजेडी और जेडीयू के बीच गतिरोध बढ़ता जा रहा है. बिहार में ढाई साल पुराने महागठबंधन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. जेडीयू ने नीतीश कुमार पर विवादित बयान देने वाले विधायक भाई वीरेंद्र को आरजेडी से निकालने की मांग की है. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पर गलत आरोप लगाने वालों को पार्टी से तुरंत निकाला जाए.
दरअसल आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने नीतीश कुमार पर बीते दिनों विवादित बयान देते हुए कहा था कि 'नीतीश कुमार का ऐसा कोई करीबी नहीं है जिसे उन्होंने ठगा ना हो.' अब जेडीयू लालू प्रसाद यादव से इन नेताओं को पार्टी से निकाले की मांग कर रही है.
जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि 'भाई वीरेंद्र पर लालू यादव कार्रवाई करें. अगर कार्रवाई नहीं होती है तो इससे साफ होता है कि इन लोगों के बयान से लालू सहमत है. भाई वीरेंद्र पहले समता पार्टी से विधायक हुआ करते थे. भाई वीरेंद्र नीतीश कुमार के चेहरे पर लोकतंत्र के मंदिर में जाने का मौका मिला. अगर नीतीश कुमार का चेहरा नहीं होता तो इनकी औकात का पता चल जाता. लालू जी हमको टाइम बताये इन्हें कब पार्टी से निकलेंगे. हम लोगों ने हाथ मे चूड़ियां नहीं पहनी हैं. हमें भी गाली देने आती है लेकिन जिस दल से हम आते है उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार हैं हमारी पार्टी में ये संस्कार नहीं है."
दरअसल आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार में बलाव मचा हुआ है. समर्थन के नाम पर महागठबंधन बंट गया है. नीतीश कुमार एनडीए उम्मीदवार राम नाथ कोविंद को समर्थन देने के पक्ष में हैं तो वहीं लालू यादव विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार के पक्ष में हैं. पिछले महीने राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोनिया के बुलावे पर नीरीश कुमार दिल्ली नहीं गये थे लेकिन अगले ही दिन पीएम मोदी से मिलने दिल्ली गए थे. पहले भी उनके अमित शाह से मिलने की खबर आ चुकी हैं.
देने वाले तो अंदर की खबर यहां तक दे रहे हैं कि घोटाले से घिरे लालू परिवार को लेकर नीतीश काफी परेशान हैं. लेकिन अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में है. वैसे लालू की ओर से तो मोर्चा खुल गया है. हो सकता है कि इस बार अगर बयान का बवाल बढ़ा तो रास्ते भी अलग हो जाए.
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