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उत्तर प्रदेश

PM मोदी ने आपातकाल पर वाजपेयी की इस कविता से साधा कांग्रेस पर निशाना

PM मोदी ने आपातकाल पर वाजपेयी की इस कविता से साधा कांग्रेस पर निशाना
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूं तो अपने मन की बात कार्यक्रम में राजनीतिक बातों से परहेज करते रहे हैं लेकिन आज चूंकि 25 जून को आपातकाल को 42 साल भी पूरे हुए थे तो इस अवसर पर पीएम ने उस दौर को याद करते हुए कांग्रेस पर बिना नाम लिए निशाना साधा. मोदी ने आपातकाल की भयावहता को दर्शाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उस कविता का जिक्र किया जो उन्होंने आपालकाल के एक साल पूरा होने पर जेल में लिखी थी.
पीएम मोदी ने आपातकाल को याद करते हुए कहा कि इन दिनों मन की बात में लगातार जनता की ओर से सुझाव आते रहते हैं. प्रकाश त्रिपाठी ने इमरजेंसी को याद करते हुए मुझे लिखा है कि 25 जून लोकतंत्र के इतिहास में काले कालखंड के रूप में याद किया जाता है. मोदी ने कहा कि लोकतंत्र एक व्यवस्था ही नहीं बल्कि संस्कार भी है.
मोदी ने कहा कि 1975 में 25 जून ऐसी काली रात थी जो कोई भारतवासी भुला नहीं सकता है. तब देश को जेल में बदल दिया गया था और विरोधी स्वर को दबा दिया गया था. न्याय व्यवस्था भी आपातकाल के भयावह रूप से बच नहीं पाई थी. अखबारों को तो बेकार कर दिया गया था. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी भी जेल में थे, एक वर्ष पूरे होने पर उन्होंने एक कविता लिखी थी.
झुलसाता जेठ मास
शरद चांदनी उदास
सिसकी भरते सावन का
अंतर्घट रीत गया
एक बरस बीत गया
सींखचों में सिमटा जग
किंतु विकल प्राण विहग
धरती से अम्बर तक
गूंज मुक्ति गीत गया
एक बरस बीत गया
पथ निहारते नयन
गिनते दिन पल छिन
लौट कभी आएगा
मन का जो मीत गया
एक बरस बीत गया
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र का भाव हमारी अमर विरासत है जिसे हमें और सशक्त करना है. इसके अलावा पीएम ने अपने मन की बात कार्यक्रम में स्वच्छता अभियान, जगन्नाथ यात्रा, रमजान और ईद, भारत के स्पेस मिशन और खेल जगत की उपलब्धियों का भी जिक्र किया.
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