बाढ़ से जान-माल की क्षति रोकने के हर उपाय करें: योगी
BY Suryakant Pathak25 Jun 2017 2:54 AM GMT

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Suryakant Pathak25 Jun 2017 2:54 AM GMT
लखनऊ : बाढ़ से होने वाली जान-माल की संभावित क्षति को रोकने के लिए संबंधित जिले के डीएम सभी उपाय करें। इसके लिए धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को योजना भवन में बाढ़ से बचाव की तैयारियों की उच्च स्तरीय समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए।
योगी ने निर्देश दिया कि जिलावार बाढ़ खंड की स्थापना और इंजीनियरों की तैनाती सुनिश्चित करें। सिंचाई विभाग के जो इंजीनियर अब तक अपने तबादले वाली जगह पर नहीं गए हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
अगर सिंचाई विभाग सहयोग नहीं कर रहा है तो डीएम इससे शासन को अवगत कराएं। बाढ़ नियंत्रण के लिए बने तटबंधों को सुरक्षित बनाने के लिए तुरंत कदम उठाएं। इसके लिए जरूरत के अनुसार सिंचाई विभाग बजट उपलब्ध कराएगा। बाढ़ के दौरान शरारती एवं अराजक तत्वों पर भी निगाह रखें। बाढ़ आने पर प्रभावित लोगों के लिए राहत और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था भी अभी से सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ (नेशनल डिसास्टर रिस्पांस फोर्स) की तर्ज पर एसडीआरएफ (स्टेट डिसास्टर रिस्पांस फोर्स) के गठन का भी निर्देश दिया।
योगी ने सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह और बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वाती सिंह को जिलों में भ्रमण कर बाढ़ नियंत्रण के लिए जारी परियोजनाओं की समीक्षा के निर्देश दिए। मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी जिलों में चल रही परियोजनाओं की प्रगति को मौके पर जाकर देखें उसकी समीक्षा करें।समीक्षा में बाढ़ के लिहाज से 23 अतिसंवेदनशील और 17 संवेदनशील जिले के डीएम, मौसम विभाग, केंद्रीय जल आयोग, रिमोट सेंसिंग एवं एनडीआरएफ केअधिकारी मौजूद थे। सबने मुख्यमंत्री को अपने विभागीय तैयारियों के बाबत जानकारी दी।
तैयारियों से मुख्यमंत्री असंतुष्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जिलों की तैयारियां संतोषजनक नहीं हैं। अप्रैल-मई में जो काम पूरे होने चाहिए वह अब तक नहीं पूरे हुए। बैठक में जिन जिलों के डीएम नहीं आए थे उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया। बैठक में मुख्य सचिव राहुल भटनागर, डीजीपी सुलखान सिंह के अलावा प्रमुख सचिव गृह, राजस्व, कृषि, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, खाद्य एवं रसद प्रमुख सचिव, सचिव, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और एनडीआरएफ के कमांडर मौजूद थे।
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