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उत्तर प्रदेश

क्यों कश्मीर में मुस्लिम अपने नाम के साथ जोड़ते हैं 'पंडित' टाइटल

क्यों कश्मीर में मुस्लिम अपने नाम के साथ जोड़ते हैं पंडित टाइटल
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कश्मीर पिछले कई महीनों से हिंसा के दौर से गुजर रहा है। आपको बता दें कि रमजान के महीने में लगभग 40 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार को श्रीनगर में जामिया मस्जिद के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) अयूब पंडित को भीड़ ने गुरुवार रात पत्थर और लाठी से पीट-पीटकर मार डाला। यह पहला मौका नहीं है जब किसी कश्मीरी मुस्लिम पुलिस वाले की हत्या की गई हो। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने सेना के एक लेफ्टिनेंट उमर फैयाज का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी।

गुरुवार को श्रीनगर में मारे डीएसपी अयूब पंडित की मौत के कई लोगों के जहन में ये सवाल उठ रहा कि मुस्लिम आखिर अपने नाम में पंडित क्यों लिखते हैं। अक्सर लोगों को यह गलतफहमी हो जाती है कि कश्मीर में जिन नामों के साथ पंडित लगा है वे हिन्दू हैं। दरअसल इसकी पड़ताल के लिए हमें सालों पीछे जाना पड़ेगा। पंडित लिखने वाले ये मुस्लिम पहले हिंदू पंडित थे। धर्म परिवर्तन के बाद भी इन लोगों ने पंडित टाइटल को नहीं छोड़ा।

कश्मीर के संदर्भ में लिखी एक किताब में लिखा गया है कि, कश्मीर में इस्लाम आने से यहां की अधिकतर जनसंख्या हिन्दू ही थी। इनमें ब्राह्मणों का एक वर्ग समाज में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा हुआ था। लेकिन जब इन वर्ग ने इस्माल धर्म अपना लिया तो शान में टाइटल नहीं बदला। आज भी ये अपने नाम के साथ पंडित शब्द का यूज करते हैं।

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