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अखिलेश की रैलियों को लेकर प्रशांत की स्ट्रैटजी: मोदी पर तीखा हमला न करें
BY Suryakant Pathak25 Feb 2017 3:11 AM GMT
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Suryakant Pathak25 Feb 2017 3:11 AM GMT
लखनऊ.यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर हो रही रैलियों में पीएम मोदी और अखिलेश यादव-राहुल गांधी के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है। दोनों का टकराव इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। मोदी और अखिलेश एक दूसरे पर जुबानी हमला कर रहे हैं। दोनों के सवालों-जवाबों के बीच प्रदेश में पॉलिटिक्स का एजेंडा सेट हो रहा है। सूत्रों की मानें तो अखिलेश, मोदी के भाषणों पर किस तरह हमला करेंगे और कौन सा मुद्दा कैसे सामने लाएंगे, इसके लिए प्रशांत किशोर की अगुवाई में पूरी टीम लगी हुई है। तीखा हमला न करने की सलाह...
प्रशांत की टीम ने अखिलेश को मोदी पर तीखा हमला न करने की सलाह दी है, क्योंकि इससे मोदी टीम पहले से सेट स्क्रिप्ट के हिसाब से अपना एजेंडा तय कर सकती है। यही वजह है कि अब मोदी के सीधे हमले का जवाब हल्के-चुटीले अंदाज में देने की स्ट्रैटजी बनाई गई है।ऐसा करके ये संदेश देने की कोशिश है कि मोदी, अखिलेश पर हमला कर रहे हैं और वे बस आरोपों का जवाब दे रहे हैं। बाकी अखिलेश अपने विकास की स्ट्रैटजी पर टिके हुए हैं।
इन मौकों पर सामने दिखी प्रशांत की स्ट्रैटजी
जब पीएम मोदी ने त्योहारों पर बिजली देने के भेदभाव का आरोप लगाया तो तुरंत अखिलेश टीम ओर से सोशल मीडिया से लेकर रैलियों में दीवाली और ईद के दिन सप्लाई की गई बिजली के आंकड़े जारी कर दिए गए।प्रशांत के कैम्पेन का शुरू से ये पैटर्न रहा है कि वह अपने नेता कोसेंटरस्टेज में रखना चाहते हैं।
टीम का तर्क है कि अखिलेश पर जितने हमले होंगे, मामला उतना ही उनके पक्ष में जाएग।
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