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उत्तर प्रदेश

अब पूर्वांचल पर नजर...............

अब पूर्वांचल पर नजर...............
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मंगलवार को इलाहबाद में रोड शो के बाद अमित शाह वाराणसी पहुंचे. अमित शाह के अलावा केंद्रीय मंत्रियों की टीम भी वाराणसी पहुंच चुकी है. बताया जा रहा है कि एक दर्जन से ज्यादा केंद्रीय मंत्री पूर्वांचल के अलग अलग जिलों में वोट की अपील करेंगे. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई सोमाभाई मोदी पहले ही वाराणसी में बीजेपी के लिए वोट मांग रहे हैं.
दरअसल पूर्वांचल में बीजेपी की खास तैयारी के पीछे वजह भी है. पूर्वांचल की जिन 170 सीटों पर चुनाव होने हैं वहां बीएसपी और एसपी बारी-बारी से काबिज होते रहे हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 106 सीटों पर समाजवादी ने जीत हासिल की थी. वहीं बीएसपी को 23, बीजेपी को 17 और कांग्रेस को 13 सीटें मिलीं थीं. जबिक अन्य के खाते में 11 सीटें गई थीं. 2007 विधानसभा चुनाव की बात करें तो अकेले बीएसपी को पूर्वांचल में 98 सीटें मिली थीं. हालांकि बीजेपी के लिए उम्मीद की लहर लोकसभा 2014 में दिखी जब उसे यहां विधानसभा की 137 सीटों पर बढ़त मिली. ऐसे में बीजेपी पूर्वांचल के अतीत को परास्त कर सत्ता हासिल करने की पुरजोर कोशिश कर रही है.

पूर्वांचल के लिए बीजेपी स्टार प्रचारकों के अलावा जातीय समीकरण पर भी अपनी रणनीति तैयार कर चुकी है. बीजेपी ने पूर्वांचल में इस बार नॉन यादव ओबीसी और अति पिछड़ा वोटों पर काफी मेहनत की है. सवर्ण वोटर भी उसे अपने पाले में खड़े दिखाई दे रहे हैं.

राजभर से गठबंधन
पूर्वांचल में राजभर वोट ऐसा है जो करीब-करीब हर सीट पर अपना प्रभाव रखता है. राजभर जाति का वोट पूर्वांचल के मऊ, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, देवरिया, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, गोरखपुर, कुशीनगर, सोनभद्र, मिर्जापुर सहित कई जिलों पर अपना प्रभाव रखता है. बीजेपी ने पूर्वांचल को ध्यान में रखते हुए ओम प्रकाश राजभर की पार्टी भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है. गठबंधन के तहत भासपा को 9 सीटें दी गई हैं.

कुर्मी वोटरों पर नजर
पूर्वांचल में कुर्मी वोटर भी एक फैक्टर है. वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर, इलाहाबाद, मछलीशहर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, गोरखपुर और प्रतापगढ़ सहित कई जिलों में खासा प्रभाव रखते हैं. ओबीसी जातियों में यादव के बाद कुर्मी वोटर ही दूसरी सबसे बड़ी जाति है. बीजेपी ने कुर्मी वोटरों को लुभाने के लिए अपना दल के साथ गठबंधन किया है. इतना ही नहीं अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को केंद्रीय मंत्री भी बनाया गया.

भोजपुरी कार्ड
मशहूर भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी और रवि किशन के बहाने भी बीजेपी पूर्वांचल में अपना दम लगा रही है. रवि किशन को हाल ही में बीजेपी में शामिल किया गया जबकि सांसद मनोज तिवारी को एक बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें दिल्ली बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया. दोनों अभिनेताओं का पूर्वांचल में खासा प्रभाव है.

फिलहाल पूर्वांचल में सपा-बसपा के वर्चस्व को तोड़ने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. पूर्वांचल की इन सीटों पर आखिरी दो चरणों में मतदान होना है.
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