मुलायम की रैली निरस्त, गढ़ बचाने की जिम्मेदारी इनकी
BY Suryakant Pathak14 Feb 2017 12:13 PM GMT
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Suryakant Pathak14 Feb 2017 12:13 PM GMT
मैनपुरी:समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ माने जाने वाले मैनपुरी में पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रस्तावित रैलियां निरस्त होने से स्थानीय बाशिंदो में में मायूसी का आलम है वहीं कार्यकर्त्ताओं का जोश बरकरार रखने के लिए प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने मोर्चा संभालते हुए यहां डेरा डाल दिया है।
प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को बनाया गया मैनपुरी का प्रभारी
पार्टी सूत्रों ने बताया कि सपा संस्थापक ने अपरिहार्य कारणों से मैनपुरी दौरा निरस्त किया है हालांकि दबी जुबान से वे इसके पीछे यादव परिवार के बीच मनमुटाव को जिम्मेदार ठहराने से नही चूक रहे हैं। मैनपुरी मुलायम सिंह यादव की कर्मस्थली रहा है, और यहां के लोगों का उनसे करीबी और दिल का रिश्ता है। यहां के चुनाव परिणाम भी उनके रुख पर काफी हद तक निर्भर है। सपा के कई नेता बहुजन समाज पार्टी(बसपा) प्रत्याशी के पक्ष में खुलेआम वोट मांग रहे हैं, ऐसे में सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को मैनपुरी का प्रभारी बनाया गया है। मैनपुरी की बदली हवा में नरेश उत्तम के सामने कड़ी चुनौतियां हैं।
मैनपुरी की सभी 4 विधानसभा सीटें सपा के कब्जे में
पिछले चुनाव में जब वह चुनाव प्रभारी बने थे, तब मैनपुरी में हालात अलग थे और मुलायम सिंह यादव की एक अपील पर सपा की झोली वोटों से भर जाती थी। मैनपुरी की सभी चार विधानसभा सीटे सपा के कब्जे में है हालांकि भितरघात की संभावना के मद्देनजर कम से कम दो सीटों पर उसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से कडा मुकाबला है। उत्तम ने कहा कि पहले चरण के मतदान में समाजवादियों ने ज्यादा मतदान किया है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की देश के महापुरुषों में गिनती है। वे सपा के संरक्षक हैं। 2012 के चुनाव में सपा 224 सीटें जीती थी और इस बार सपा-कांंग्रेस गठबंधन 324 सीटें जीतेगी। उत्तम मतदान होने तक मैनपुरी में ही रहेंगे।
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